Advertisement

Updated July 31st, 2021 at 18:58 IST

केंद्र सरकार की गलती के कारण ओबीसी सूची संबंधी राज्यों के अधिकारों पर प्रहार हुआ: कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यह दावा भी किया कि भाजपा सरकार की इस गलती की कीमत देश चुका रहा है, लेकिन भाजपा अपनी पीठ थपाथपा रही है।

| Image:self
Advertisement

कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देते समय केंद्र सरकार ने जो गलती की, उस कारण अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की सूची निर्धारित करने संबंधी राज्यों के अधिकार पर प्रहार हुआ।

पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यह दावा भी किया कि भाजपा सरकार की इस गलती की कीमत देश चुका रहा है, लेकिन भाजपा अपनी पीठ थपाथपा रही है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ओबीसी की सूची में किन जातियों को शामिल करना है, यह राज्यों का अधिकार था। ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने संबंधी विधेयक पर चर्चा के दौरान कई सदस्यों ने कहा कि यह सुनिश्चित होना चाहिए कि ओबीसी की सूची में जातियों को शामिल करने के राज्यों के अधिकार में अतिक्रमण नहीं हो। उस वक्त के सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत और कई भाजपा नेताओं ने कहा कि राज्यों का यह अधिकार लेने का कोई इरादा नहीं हैं।’’

कांग्रेस नेता ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘ उस वक्त विधेयक में यह दो पंक्ति नहीं शामिल की गई कि ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का मतलब यह नहीं है कि ओबीसी की सूची में जातियों को शामिल करने या निकालने का अधिकार राज्यों के पास नहीं होगा। उसी गलती की कीमत देश को चुकानी पड़ रही है। इसी का असर हुआ कि उच्चतम न्यायालय ने अपने हालिया निर्णय में कहा कि ओबीसी की सूची सिर्फ एक होगी, राज्य स्तर की नहीं होगी।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की इस गलती ने देश के संघीय ढांचे पर आघात किया और राज्यों के अधिकारों पर प्रहार किया।

सिंघवी ने कहा, ‘‘अब सरकार कह रही है कि वह गलती को सुधारेगी। अब सिर्फ घड़ियाली आंसू बहा रही है। हम कहना चाहते हैं कि ‘लम्हों ने खता की, सदियों ने सजा पाई’। सरकार की इस गलती की देश कीमत चुका रहा है।’’

गौरतलब है कि केंद्र ने बुधवार को संसद में कहा कि सरकार विधि विशेषज्ञों और विधि मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श कर रही है तथा प्रदेशों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की सूची निर्धारित करने के लिए राज्यों के अधिकार की रक्षा के तरीकों की जांच कर रही है।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने विभिन्न सवालों के जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने अपने एक आदेश में कहा है कि राष्ट्रपति द्वारा विनिर्दिष्ट ओबीसी सूची ही प्रत्येक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश क्षेत्र के संबंध में, संविधान के सभी उद्देश्यों के लिए एकमात्र सूची होगी। राज्यों को अपनी सूची प्रकाशित करने का कोई अधिकार नहीं है।

Advertisement

Published July 31st, 2021 at 18:55 IST

आपकी आवाज. अब डायरेक्ट.

अपने विचार हमें भेजें, हम उन्हें प्रकाशित करेंगे। यह खंड मॉडरेट किया गया है।

Advertisement

न्यूज़रूम से लेटेस्ट

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Whatsapp logo