Updated May 24th, 2020 at 16:08 IST
डोमिसाइल नियम: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह बोले, J&K में कोई भी नागरिक रह सकता है, 70 साल पहले देश के साथ हुआ था धोखा
वही अब डोमिसाइल कानून में एक बदलाव किया गया है। बता दें, अब भारत के किसी भी हिस्से का नागरिक कश्मीर में जाकर रह सकता है।
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केंद्र सरकार ने पिछले साल जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35A हटाया था। जिसके बाद से जम्मू-कश्मीर जिसे पहले विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त था वो समाप्त हो गया। वही अब उसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए डोमिसाइल कानून में एक बदलाव किया गया है। बता दें, अब भारत के किसी भी हिस्से का नागरिक कश्मीर में जाकर बस सकता है। उसको वहां पर रहने का हक मिल सकता है। वही इस पूरे मामले पर केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने रिपब्लिक भारत से बात की।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि, 'वहां (जम्मू-कश्मीर) जाकर निर्धारित अवधि, निर्धारित समय के उपरांत नागरिकता ग्रहण कर सकते हैं। साथ ही वहां के वोटर बन सकते हैं और मन चाहे तो वहां पर चुनाव भी लड़ सकते हैं।' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि '70 साल पहले देश के साथ धोखा हुआ था..उसका प्रश्चित हुआ है। जो व्यक्ति (अधिकारी) 30-35 साल वहां (जम्मू-कश्मीर) पर काम करता है उसे कह दिया जाए कि आप यहां से जाओ हम आपकी जिम्मेदारी अब नहीं लेंगे.. ये काफी दुखद था।'
इसके साथ ही जितेंद्र सिंह बोले, 'अगर किसी सरकारी अधिकारी का बच्चा वही पर पैदा होता है, वही पर पला-बड़ा होता है वही स्कूल में पढ़ाई करता है और जब समय आता है किसी कॉलेज में दाखिला लेने के लिए तो उसे वंचित होना पड़ता था। अगर वहां पर कोई नौकरी भी निकलती थी तो उसे वंचित होना पड़ता था। इस तरह का भेदभाव हो रहा था।'
कश्मीरी पंडित J&K में बस सकते हैं?
कश्मीरी पंडितों के मु्द्दे पर डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि 'वो बिल्कुल वापस जा सकते हैं.. ना केवल देश के बल्कि कई कश्मीरी पंडित देश के बाहर भी रहते हैं वो भी कश्मीर में जाकर बस सकते हैं। 1990 में जिस तरह से उन्हें रातोंरात अपना घर-बार छोड़कर कश्मीर से जाना पड़ा था वो सही नहीं था।'
अब्दुल्ला, मुफ्ती परिवार पर हमला
डॉ जितेंद्र सिंह ने अब्दुल्ला, मुफ्ती परिवार पर निशाना साधते हुए कहा, 'इन लोगों ने वोट बैंक को सीमित कर दिया था। जिससे ये पीढ़ी दर पीढ़ी सत्ता में रह सकें। कश्मीर में जिस तरह का वातावरण बनाया गया था उससे क्षेत्रीय भेदभाव पनपने लगा था। बहुत से लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि सीमा के एक हिस्से में आरक्षण दिया गया था और दूसरे हिस्से में आरक्षण नहीं दिया गया था। LoC क्योंकि वो वोट बैंक था पाकिस्तान के साथ उसकी सीमा लगती है वहां पर आरक्षण दिया गया था। ये वोट बैंक की राजनीति थी।'
उन्होंने आगे कहा कि 'जो लोग हमारा विरोध कर रहे हैं फिर चाहे वो डेमोग्राफी के नाम पर ही क्यों ना लेकिन में कह रहा हूं कि इन्ही विरोधियों की अलगी पीढ़ी हमें दुआएं देंगी।
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Published May 24th, 2020 at 15:59 IST
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