Advertisement

Updated September 23rd, 2021 at 13:18 IST

MP: दिग्विजय सिंह का पीएम और ओवैसी पर निशाना; मुस्लिम जनसंख्या वृद्धि पर जनता को गुमराह करने का लगाया आरोप

दिग्‍विजय सिंह ने कहा, 'आज मुसलमानों को खतरा बताकर हिंदुओं को गुमराह किया जाता है।'

Reported by: Ankur Shrivastava
PC-PTI
PC-PTI | Image:self
Advertisement

मध्‍य प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री और कांग्रेस के राज्‍यसभा सांसद दिग्‍विजय सिंह (Congress Leader Digvijay Singh) अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। उन्‍होंने फिर एक ऐसा बयान दिया है जिससे राजनीति गरमा गई है। दिग्‍विजय सिंह ने कहा कि ' देश में हिंदुओं के मुकाबले मुसलमानों की जन्मदर लगातार घट रही है और 2028 तक हिंदू और मुसलमानों की जन्मदर बराबर हो जाएगी।' मध्य प्रदेश के सिहोर में किसान पदयात्रा कार्यक्रम के समापन के दौरान टाउन हॉल में दिग्विजय सिंह ने अपने संबोधन में पीएम मोदी (PM Modi) और असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) पर 'बढ़ती मुस्लिम आबादी' पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। 

दिग्विजय सिंह ने कहा, 'प्यू रिसर्च ने भारत की धार्मिक संरचना की अपनी रिपोर्ट जारी की है। इसमें सेंसेस रिपोर्ट के आधार पर स्टडी किया गया है कि 1951 से लेकर आज तक मुसलमानों की जन्मदर जितनी तेजी से घट रही है उतनी तेजी से हिंदुओं की जन्मदर नहीं घटी है, लेकिन आज भी मुसलमानों की जन्मदर 2.7 है और हिंदुओं की 2.3 है यानि कि परिवार में 2.3 परिवार आ जाता है, उनका 2.7 है, लेकिन जिस प्रकार से जनसंख्या की जन्मदर घट रही है, 2028 तक हिंदुओं की और मुसलमानों की जन्मदर बराबर हो जाएगी और उस समय पूरे देश में जनसंख्या स्थिर हो जाएगी।' 

पीएम मोदी और असदुद्दीन ओवैसी पर लगाया आरोप

दिग्‍विजय सिंह ने कहा, 'आज मुसलमानों को खतरा बताकर हिंदुओं को गुमराह किया जाता है। एक तरफ ओवैसी हैं जो मुसलमानों को खतरा बताकर वोट कमाना चाहते हैं, तो दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी जी हिंदुओं को खतरा बताते हैं।' दिग्‍विजय सिंह ने आगे कहा, 'न हिंदुओं को खतरा है और न मुसलमानों को खतरा है, खतरा है तो मोदी जी और ओवैसी जी को।'



क्‍या कहती है प्यू रिपोर्ट?

1951 से 2011 तक के छह दशकों के जनसंख्या डेटा को कवर करते हुए, प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट में पाया गया कि भारत की कुल जनसंख्या तीन गुना हो गई है। हालांकि 1990 के दशक से विकास दर धीमी हो गई है। हिंदू 304 मिलियन से बढ़कर 966 मिलियन हो गए, मुस्लिम 35 मिलियन से 172 मिलियन, ईसाई 8 मिलियन से 28 मिलियन, सिख 6.8 मिलियन से 20.8 मिलियन, बौद्ध 2.7 मिलियन से 8.4 मिलियन और जैन 1.7 मिलियन से 4.5 मिलियन हो गए हैं। 2000 के दशक में हिंदुओं के बीच वृद्धि लगभग 24% से लगभग 17% तक धीमी हो गई, जबकि मुस्लिम विकास लगभग 25% तक धीमा हो गया और ईसाइयों के बीच यह दर गिरकर 16% हो गई है।

रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि भारत की आबादी में हिंदुओं की संख्या 79.8% है और मुसलमानों की आबादी 14.2% है। मुस्लिम आबादी में 4% की वृद्धि हुई है जबकि हिंदुओं में 4% की गिरावट आई है। मुसलमानों की प्रजनन दर 1992 में प्रति महिला 4.4 बच्चों से 2015 में औसतन 2.6 तक गिर गई है, जबकि 1992 में 3.3 बच्चों से हिंदुओं की संख्या 2015 तक 2.1 हो गई है। 

इसे भी पढ़ें- PM मोदी का अमेरिका दौरा: जानिए उन प्रमुख पहलुओं को जिसने भारत को बनाया चीन विरोधी गुट का केंद्रबिंदु

इसे भी पढ़ें- Narendra Giri Death: संतों को क्‍यों दी जाती है भू-समाधि, क्‍या है परंपरा और कैसे होता है साधुओं का अंतिम संस्‍कार; जानिए पूरी बात

Advertisement

Published September 23rd, 2021 at 13:18 IST

आपकी आवाज. अब डायरेक्ट.

अपने विचार हमें भेजें, हम उन्हें प्रकाशित करेंगे। यह खंड मॉडरेट किया गया है।

Advertisement

न्यूज़रूम से लेटेस्ट

2 दिन पहलेे
2 दिन पहलेे
3 दिन पहलेे
5 दिन पहलेे
5 दिन पहलेे
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Whatsapp logo