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Updated October 1st, 2018 at 09:34 IST

राफेल सौदा : रक्षा मंत्री ने एचएएल की अनदेखी से संबंधित आरोपों को गलत बताया

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल डील को लेकर मोदी सरकार पर लगातार हमला कर रहे हैं. 

Reported by: Amit Bajpayee
| Image:self
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रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को उन आरोपों को बकवास बताया है जिनमें कहा जा रहा है कि राजग सरकार ने राफेल सौदा मामले में एचएएल को नजरअंदाज कर देश के युवाओं से नौकरियां छीनी हैं.

उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस ही है जिसने सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा कंपनी को मजबूत करने का काम नहीं किया . 

उन्होंने कहा, ‘‘एचएएल पर बोलने के लिये आप खड़े हुए। ये आप (कांग्रेस) ही हैं जिसने (एचएएल के लिये) कुछ नहीं किया और आप आरोप लगा रहे हैं कि हमने एचएएल को नजरअंदाज कर नौकरियां छीनी हैं....’’ 

उन्होंने पूछा कि क्या आपने संप्रग सरकार के दौरान के पहले के राफेल समझौते को पूरा किया? क्या आपने भारतीय वायुसेना और एचएएल का खयाल रखा ? 

केन्द्रीय मंत्री ने ये बातें अरबों रुपये वाले राफेल लड़ाकू विमान सौदे में एचएएल की ‘‘उपेक्षा’’ को लेकर कांग्रेस द्वारा राजग सरकार को लगातार निशाना बनाए जाने के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में कहीं.

सीतारमण ने संवाददाताओं को बताया कि यह भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार ही है जिसने एचएएल द्वारा निर्मित तेजस लड़ाकू विमान की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिये कई कदम उठाये .

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल डील को लेकर मोदी सरकार पर लगातार हमला कर रहे हैं. 

वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भोपाल में एक रैली में कहा कि कांग्रेस सरकार पर कीचड़ उछाल रही है क्योंकि उसे विकास जैसे मुद्दों पर चर्चा करने के मुकाबले यह आसान लगता है. प्रधानमंत्री ने राफेल सौदे को लेकर चल रहे आरोपों के संदर्भ में यह बात कही थी.

मोदी ने कहा, ‘‘वह (कांग्रेस) कीचड़ इसलिए उछाल रही है क्योंकि उसे यह आसान लगता है... वह पहले भी छींटा-कशी करते रहे हैं. लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि आप हमारे ऊपर जितना कीचड़ फेंकोगे, कमल (भाजपा का चुनाव चिह्न) उतना ही खिलेगा.’ 

वायुसेना के उप प्रमुख रघुनाथ नांबियार ने मंगलवार को कहा कि लड़ाकू विमान के करार को लेकर लोगों को ‘गलत जानकारी’ दी जा रही है और मौजूदा सौदा पहले किए जा रहे समझौते से काफी बेहतर है.

नांबियार ने पिछले हफ्ते फ्रांस में राफेल विमान को प्रायोगिक आधार पर उड़ाया था. उन्होंने कहा कि वायुसेना के तत्कालीन उपप्रमुख की अगुवाई में वाणिज्य सौदे पर बातचीत हुई थी और उन्होंने इस बातचीत को पूरा किया जो 14 महीने चली थी.

उन्होंने कहा कि वायु सेना ने बेहतर कीमत, बेहतर रखरखाव की शर्तें, बेहतर प्रदर्शन के लिए साजोसमान के पैकेज को लेकर नेतृत्व से मिले सभी निर्देशों को पूरा किया है.नांबियार ने कहा कि पहले जो हासिल किया गया था उससे यह काफी बेहतर है.

36 विमान खरीदने के सौदे के तहत ऑफसेट अनुबंध पर विपक्ष के आरोपों को लेकर पूछे गए सवाल पर वायु सेना के उपप्रमुख ने कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि लोगों को गलत जानकारी दी जा रही है. ऐसा कुछ नहीं है कि एक पक्ष को 30,000 करोड़ रुपये जा रहे हैं...’’ 

( इनपुट - भाषा से भी )

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Published October 1st, 2018 at 09:34 IST

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