Updated October 1st, 2018 at 16:36 IST
सिद्धू बोले, पंजाब में हो अफीम लीगल, अकाली नेता दलजीत सिंह चीमा ने दिया करारा जवाब...
नोबल फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक समारोह के दौरान सिद्धू ने कहा, "मैं अफीम की खेती को वैध बनाने की मांग के लिए गांधी की सराहना करता हूं
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पिछले कई दशकों से पंजाब नशे की चपेट में है. लेकिन पंजाब सरकार के मंत्री व पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धु के हालिया बयान ने पंजाब की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है. अफीम की खेती का समर्थन करते हुए सिद्धु ने कहा था कि इस राज्य में कानून वैध कर देना चाहिए.
जिस पर मुख्य विपक्षी पार्टी अकाली दल के नेता दलजीत चीमा ने सिद्धु के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके बयान से साफ पता चलता है कि सिद्धू ने ड्रग्स के आगे समर्पण कर दिया है.
पूर्व शिक्षा मंत्री दलजीत सिंह चीमा ने अफीम पर सिद्धू के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि एक तरफ कांग्रेस ने दवा के मुद्दे पर चुनाव लड़ा था और दावा किया था कि वे राज्य में ड्रस को रोक देंगे, दूसरी ओर, अब सरकार ड्रग्स के खतरे हाथ धो रही है.
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उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लोगों से राज्य में नशीली दवाओं के खतरे को उखाड़ फेंकने का वादा किया था और अब कांग्रेस मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बयान दिया था कि बयान में ड्रग्स को वैध बनाया जाना चाहिए. चीमा ने कहा है कि यदि अफीम को वैध बनाया गया है, तो ड्रग्स आपूर्ति में कई गुना वृद्धि होगी जिससे राज्य में युवाओं का जीवन बरबाद हो जाएगा.
एक कार्यक्रम में, स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला से आम आदमी पार्टी (एएपी) के सांसद धर्मवीर गांधी का उस बयान का समर्थन करते हुए दिया था जिसमें धर्मवीर ने कहा था कि अफीम की खेती और उससे बनाने वाले सामन को राज्य में वैध कर देना चाहिए.
नोबल फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक समारोह के दौरान सिद्धू ने कहा, "मैं अफीम की खेती को वैध बनाने की मांग के लिए गांधी की सराहना करता हूं. मेरे चाचा अस्पताल से दवा के रूप में अफीम खाया करते थे. 'चित्त' (हेरोइन) से बेहतर तरीका है, जिसे SAD नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने राज्य में पेश किया, जिसके कारण माता-पिता को अपने बच्चों अपने बच्चों को खोना पड़ा था "
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Published October 1st, 2018 at 16:29 IST
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