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Updated November 8th, 2018 at 18:47 IST

राम मंदिर मामला: पी चिदंबरम बोले- 'अध्यादेश लाना असंवैधानिक होगा'

पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने राम मंदिर पर अध्यादेश लाने की मांग पर टिप्पणी की है. चिदंबरम ने कहा कि 'अध्यादेश लाना असंवैधानिक होगा'.

Reported by: Ayush Sinha
| Image:self
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मंदिर, विवाद और घमासान... राम के नाम पर राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. रोजाना कोई न कोई नेता कुछ ऐसा बोल रहे हैं जिससे राजनीतिक महकमे में संग्राम छिड़ा हुआ है. बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले की सुनवाई जनवरी 2019 तक के लिए टाल दिया तो लोग अध्यादेश लाने की मांग करने लगे. इसी बीच पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने राम मंदिर पर अध्यादेश लाने की मांग कर रहे लोगों पर टिप्पणी की है. उन्होंने कहा है कि अगर ऐसा होता है तो ये असंवैधानिक होगा. 

दरअसल कोलकाता में मीडिया से बात करते हुए पी. चिदंबरम ने पहले तो नोटबंदी के दूसरी सालगिरह पर सत्ताधारी पार्टी NDA पर जमकर निशाना साधा. इस दौरान उन्होंने कहा कि 'बीजेपी के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है. इसलिए उसने राम मंदिर और हिंदुत्व के एजेंडा को वापस से भुनाना शुरू कर दिया है.' कर्नाटक में हुए उपचुनाव के नतीजों का जिक्र करते हुए चिदंबरम ने कहा कि विकास के वादे पर बीजेपी पूरी तरह विफल हो गई है. इसका नतीजा कर्नाटक के चुनाव में देखा गया. कांग्रेस और JD(S) के गठबंधन ने 5  सीटों में से 2 लोकसभा और 2 विधानसभा की सीटों पर जीत दर्ज की है.

चिदंबरम ने कहा कि 'विकास, नौकरियां और अपने सभी एजेंडों में बीजेपी पूरी तरह से असफल हो गई है. इसलिए उन्होंने दोबारा हिंदुत्व का एजेंडा चलाना शुरू कर दिया'.

मंदिर निर्माण और अध्यादेश की मांग पर चिदंबरम ने कहा कि 'विशेष रूप से सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को जनवरी 2019 तक के लिए टाल दिया है और इस मसले पर अध्यादेश लाना असंवैधानिक होगा. राम मंदिर के मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला अभी लंबित है. ऐसे में मेरे अनुसार अध्यादेश लाना असंवैधानिक होगा'.

ऐसा पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने अध्यादेश लाने की मांग पर सवाल उठाया हो. इससे पहले शशि थरूर ने भी 'अच्छे हिंदू-बुरे हिंदू' के संदर्भ में इसके बारे में बात की थी और लोगों को 'अपने दिल में राम बनाने' की सलाह दी थी. इसके अलावा कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि 'चुनाव नजदीक है, इसलिए बीजेपी अब राम मंदिर के बारे में सोच रही है. हम मंदिर बनाने का विरोध नहीं कर रहे हैं लेकिन वो विवादित जमीन पर मंदिर क्यों बनाना चाहते हैं? अगर उन्हें विवादित भूमि पर मंदिर बनाना ही है तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए''.

बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संकेत दिया था कि सरकार अध्यादेश के रास्ते पर विचार कर रही है. राम मंदिर को संविधान के दायरे में बनाया जाएगा.

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए तड़कता भड़कता बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि 'देश में कई ऐसे मुद्दे आए जिसके लिए आधी रात को कोर्ट का दरवाजा खटखटा कर मामले को सुलझा दिया गया. लोगों के सब्र का बांध टूट रहा है और दुनिया की कोई भी ताकत राम मंदिर को बनने से नहीं रोक सकती है'

गौरतलब है कि 29 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले की सुनवाई को जनवरी 2019 तक के लिए टाल दिया था. जिसके बाद से ही देश की राजनीति काफी तेज हो गई है. 

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Published November 8th, 2018 at 18:47 IST

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