Advertisement

Updated December 6th, 2021 at 10:21 IST

कांग्रेस नेत्री नूरी खान ने इस्तीफा देने के घंटों बाद लिया ‘यू-टर्न’, ट्वीट कर दी जानकारी

मध्य प्रदेश की नेता नूरी खान ने कांग्रेस से इस्तीफा देने के कुछ घंटों बाद, अब पार्टी प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से अपना इस्तीफा वापस ले लिया है।

Reported by: Sakshi Bansal
| Image:self
Advertisement

मध्य प्रदेश की नेता और पार्टी प्रवक्ता नूरी खान (Noori Khan) ने कांग्रेस (Congress) से इस्तीफा देने के कुछ घंटों बाद, अब पार्टी प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ (Kamal Nath) से अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। खान ने ट्विटर के जरिए लिखा- “प्रदेश अध्यक्ष श्री कमलनाथ जी से चर्चा कर मैंने अपनी सारी बात पार्टी के समक्ष रखी है। 22 साल में पहली बार मैंने इस्तीफे की पेशकश की, कही ना कही मेरे अंदर एक पीड़ा थी लेकिन कमलनाथ जी के नेतृत्व में विश्वास रख अपना इस्तीफा वापस ले रही हूं।”

इससे पहले रविवार को कांग्रेस नेता ने पार्टी को अपना इस्तीफा सौंपते हुए कहा था कि उन्होंने पार्टी के सभी पदों को छोड़ दिया है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ‘पार्टी अल्पसंख्यकों को अनदेखा कर रही है और अल्पसंख्यकों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपना रही है’। उन्होंने ट्विटर पर अपना इस्तीफा भी साझा किया और पार्टी से कई सवाल किए। खान ने यह भी कहा कि ‘कई सालों तक कड़ी मेहनत और लगन से काम करने के बाद, उन्हें पार्टी में जिम्मेदार पद नहीं दिए गए’।

मुस्लिम समुदाय का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ‘कांग्रेस की मुसलमानों के खिलाफ एक विचारधारा है और उन्हें पार्टी में मौका पाने के लायक नहीं मानती है’।

कांग्रेस नेता ने ‘मुस्लिम विरोधी मानसिकता’ का आरोप लगाते हुए पार्टी से दिया इस्तीफा

उन्होंने ट्विटर पर अपने इस्तीफे का पत्र साझा करते हुए लिखा, “कांग्रेस पार्टी में रहकर मैं अल्पसंख्यक कार्यकर्ताओं और अपने लोगों को राजनीतिक और सामाजिक न्याय दिलाने में असहज महसूस कर रही हूं, मैं भेदभाव का शिकार हो रही हूं, इसलिए मैं आज अपने सभी पदों से इस्तीफा दे रही हूं।”

नूरी खान ने कांग्रेस पर और भी कई आरोप लगाते हुए कहा कि ‘उनकी पृष्ठभूमि के कारण उन्हें अहम पद नहीं दिए गए’। आपको बता दें कि कांग्रेस नेता नूरी खान वर्तमान में मध्य प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य के रूप में कार्यरत हैं। हालांकि, वह लंबे समय से आयोग की अध्यक्ष बनने की कोशिश कर रही हैं लेकिन सफल नहीं हो पाई हैं।

ये भी पढ़ेंः जम्मू-कश्मीर के लोगों से बोले फारूक अब्दुल्ला- ‘हमें भी अपने अधिकारों के लिए किसानों जैसा बलिदान देना होगा’

Advertisement

Published December 6th, 2021 at 10:16 IST

आपकी आवाज. अब डायरेक्ट.

अपने विचार हमें भेजें, हम उन्हें प्रकाशित करेंगे। यह खंड मॉडरेट किया गया है।

Advertisement

न्यूज़रूम से लेटेस्ट

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Whatsapp logo