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Updated December 2nd, 2022 at 23:41 IST

कांग्रेस ने बंदरगाह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को बताया ‘विकास का पीड़ित'

केरल में मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने शुक्रवार को विझिंजम बंदरगाह का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को ‘विकास का पीड़ित’ करार दिया।

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केरल में मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने शुक्रवार को विझिंजम बंदरगाह का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को ‘विकास का पीड़ित’ करार दिया। पार्टी ने समाज में उसे अलग-थलग करने के लिए अडाणी बंदरगाह प्राधिकरण और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर कथित साजिश रचने का आरोप लगाया।

कांग्रेस ने कहा कि सरकार वहां जारी प्रदर्शन को ‘आतंकवाद’ का कोण देने की कोशिश कर रही है । पार्टी के अनुसार यहां तक लातिन कैथोलिक पादरियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है जो स्थानीय मछुआरा समुदाय को उकसाने की उसकी योजना का हिस्सा थे ताकि उच्च न्यायालय में संबंधित लंबित मामले की सुनवाई के दौरान अडाणी समूह की स्थति मजबूत हो सके।कांग्रेस के आरोपों को बकवास करते हुए सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा कि कोई भी लोकतांत्रिक प्रदर्शनों के खिलाफ नहीं है, लेकिन स्थानीय पुलिस थाने पर हमला सहित हाल की हिंसक घटनाएं ‘पूर्वनियोजित’ थीं।

माकपा ने भरोसा जताया कि राज्य के लोग सरकार के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण अभियान और लातिन कैथोलिक पादरियों के वर्ग द्वारा स्थानीय मछुआरों के नाम पर चलाए जा रहे सांप्रदायिक दुष्प्रचार को खारिज कर देंगे।कोच्चि में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए केरल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी.डी.सतीशन ने कहा कि चार मंत्री बंदरगाह के खिलाफ जारी प्रदर्शन को कथित आतंकवादियों से संबंध जोड़ रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या मंत्रियों के पास इस संबंध में कोई खुफिया जानकारी थी? सतीशन ने कहा कि अगर ऐसी कोई जानकारी है तो सरकार उसे सार्वजनिक करे।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मंत्री जिम्मेदारी का पद है और कोई ऐसे ही इतने गंभीर आरोप नहीं लगा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री साजिश के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन वास्तविक साजिश अडाणी बंदरगाह प्राधिकरण और मुख्यमंत्री के बीच हो रही है।’’

सतीशन ने कहा कि मछुआरों के विरोध को अदालत के समक्ष हिंसक प्रदर्शन के रूप में प्रदर्शित किया जा रहा है ताकि बंदरगाह प्राधिकरण के पक्ष में फैसला हासिल किया जा सके। उन्होंने प्रदर्शनकारी मछुआरों को ‘विकास का पीड़ित’ करार देते हुए कहा कि उनका पुनर्वास सुनिश्चित करना लोकतांत्रिक सरकार की जिम्मेदारी है।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘कई मछुआरे सीमेंट के गोदाम में पिछले चार साल से रह रहे हैं और मुख्यमंत्री चाहते तो प्रदर्शन दो घंटे में खत्म हो सकता है।’’ उन्होंने वाम सरकार से मांग की कि वह तत्काल गोदाम में रह रहे लोगों को किरए के मकानों में स्थानांतरित करे और तटीय कटाव का अध्ययन करने वाली समिति में प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधि को शामिल करे।हालांकि, माकपा के प्रदेश सचिव एम.वी.गोविंदन ने बंदरगाह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों और आंदोलन का नेतृत्व कर रहे लातिन चर्च पर हमला करते हुए कहा कि हाल में हुई हिंसक घटनाओं को ‘पूर्वनियोजित’ तरीके से अंजाम दिया गया।

उन्होंने दावा किया कि इससे पहले चर्च ने बंदरगाह का मजबूती से समर्थन किया था, लेकिन अब अपने रुख को बदल लिया है।माकपा नेता ने कहा, ‘‘सरकार ने प्रदर्शनकारियों की छह मांगे मान ली है, लेकिन सातवीं मांग बंदरगाह के निर्माण को रोकने की है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। यह परियोजना राज्य और खासतौर पर तिरुवनंतपुरम के विकास के लिए अनिवार्य है।’’

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे पादरियों की आलोचना करते हुए गोविंदन ने कहा कि एक पादरी द्वारा मत्स्य पालन मंत्री वी अब्दुरहीम के खिलाफ की गई हालिया सांप्रदायिक टिप्पणी महज ‘जुबान का फिसलना’ नहीं है।इस बीच, लातिन कैथोलिक चर्च ने हिंसा की हालिया घटनाओं के लिए कथित ‘बाहरी ताकतों’ को जिम्मेदार ठहराया है और सच्चाई समाने लाने के लिए पूरे मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की है।
 

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Published December 2nd, 2022 at 23:36 IST

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