Updated October 12th, 2021 at 12:01 IST
हरियाणा सरकार ने कर्मचारियों के RSS और जमात-ए-इस्लामी में शामिल होने से हटाया बैन, कांग्रेस का फूटा गुस्सा
Haryana: कांग्रेस (Congress) ने हरियाणा सरकार द्वारा सोमवार को अपने कर्मचारियों के RSS और जमात-ए-इस्लामी (Jamaat-e-Islami) में शामिल होने से प्रतिबंध हटाने के फैसले की आलोचना की है।
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Haryana: कांग्रेस (Congress) ने हरियाणा सरकार द्वारा सोमवार को अपने कर्मचारियों के RSS और जमात-ए-इस्लामी (Jamaat-e-Islami) में शामिल होने से प्रतिबंध हटाने के फैसले की आलोचना की है। कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) ने ट्विटर के जरिए हरियाणा सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया है कि “क्या मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) सरकार चला रहे हैं या बीजेपी-आरएसएस की पाठशाला?”
कांग्रेस नेता ने राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी पत्र की फोटो भी शेयर की है जिसमें हरियाणा सिविल सेवा (सरकारी कर्मचारी आचरण) नियम, 2016 के क्लॉज 8 और 9 के कार्यान्वयन को दोहराया गया है और 11 जनवरी 1967, 4 मार्च 1970 और 2 अप्रैल 1980 के पत्र को वापस ले लिया गया है।
गौरतलब है कि क्लॉज 8 सरकारी कर्मचारी को किसी भी राजनीतिक पार्टी के साथ संबंध रखने या किसी भी राजनीतिक आंदोलन में मदद करने से रोकता है। इसके अलावा, उसे अपने परिवार के सदस्यों को भी विनाशक गतिविधियों में शामिल होने से रोकना होगा। जबकि सरकारी कर्मचारी वोट कर सकता है, लेकिन वह किसी भी उम्मीदवार के लिए न ही प्रचार कर सकता है और न ही अपनी पावर का इस्तेमाल कर सकता है। वहीं क्लॉज 9 में लिखा है कि वह किसी ऐसे संगठन में शामिल नहीं हो सकता जिसकी गतिविधियां भारत की संप्रभुता और अखंडता या सार्वजनिक व्यवस्था के प्रतिकूल हों।
बता दें कि सुरजेवाला को शिकायत 11 जनवरी 1967 के पत्र को वापस लेने से थी जिसमें मुख्य सचिव ने RSS और जमात-ए-इस्लामी से जुड़े कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की धमकी दी थी। पत्र में लिखा है कि “राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और जमात-ए-इस्लामी में भागीदारी लेने से सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ पंजाब सरकार के कर्मचारी (आचरण) नियम, 1966 के नियम 5 के उप-नियम (1) के प्रावधान के अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।”
हालांकि, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लंबित होने का हवाला देते हुए खुद 1970 में अपने पत्र के जरिए कदम पीछे ले लिए थे। मुख्य सचिव ने कहा, “सरकार ने फैसला लिया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले के अंतिम निपटारे तक, इस समय सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करना उचित नहीं होगा जो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और जमात-ए-इस्लामी की गतिविधियों में शामिल हैं।” 1980 का दूसरा वापस लिया गया पत्र राज्य सरकार से संबंधित था जिसमें लिखा था कि वह इन दोनों संगठनों से जुड़े कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करना जारी रखेगी, जबतक कि सुप्रीम कोर्ट इसे नहीं हटाती।
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Published October 12th, 2021 at 12:01 IST
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