Updated November 28th, 2020 at 16:49 IST
CM खट्टर बोले- हरियाणा के किसानों की आंदोलन में भागीदारी नहीं
देशभर के किसान केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में बनाए नए तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। इस बीच हरियाणा के...
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देशभर के किसान केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। इस बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बड़ा बयान दिया है। सीएम खट्टर ने कहा है कि इस आंदोलन को किसानों की बजाय राजनीतिक दलों ने प्रयोजित किया है। न ही इसमें हरियाणा के किसानों की भागीदारी है।
हरियाणा के सीएम खट्टर ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि 'किसान आंदोलन को पंजाब के किसानों ने खड़ा किया है, इस आंदोलन को किसानों की बजाए राजनीतिक दलों और संस्थाओं ने प्रायोजित किया है। हरियाणा के किसानों ने आंदोलन में भागीदारी नहीं की है।'
वहीं CM खट्टर के बयान के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि, 'कैसा हो सकता है हरियाणा के किसान शामिल ना हो? ये छोटे किसान है जिन्हें दुःख है इस कानून से।'
कैप्टन का खट्टर पर वार-
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, 'दिल्ली और पंजाब ने कोई रूकावट नहीं की। खट्टर ने क्यों रोका किसानों को?' मैं खट्टर से नहीं बात करूंगा। झूठ बोल रहे है खट्टर। मैंने खट्टर को कोई टेलीफोन नहीं किया। मुझे हरियाणा के सीएम ने तीन बार कॉल नहीं किया'।
इससे पहले शुक्रवार को CM खट्टर ने कहा था कि 'केंद्र सरकार बातचीत के लिए हमेशा तैयार है। मेरी सभी किसान भाइयों से अपील है कि अपने सभी जायज मुद्दों के लिए केंद्र से सीधे बातचीत करें। आंदोलन इसका जरिया नहीं है। इसका हल बातचीत से ही निकलेगा।'
बता दें कि हरियाणा प्रशासन ने किसानों की दिल्ली चलो मार्च को रोकने लिए हर संभव प्रयास किया था। इस दौरान हरियाणा बॉर्डर पर किसानों पर पानी की बौछारे भी की गई थी। हालांकि शुक्रवार को केंद्र सरकार ने किसानों दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति दे दी है। इस दौरान सरकार ने किसानों से शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने की अपील की है।
गौरतलब है कि किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और केंद्र सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि ‘नए कृषि कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था खत्म हो जाएगी।' जबकि केंद्र सरकार ने इस आश्वासन दिया है कि एमएसपी को खत्म नहीं किया जाएगा।
बता दें कि केंद्र सरकार ने कई किसान संगठनों को तीन दिसंबर को दिल्ली में कृषि कानून को लेकर बातचीत के लिए बुलाया है।
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Published November 28th, 2020 at 16:38 IST
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