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Updated October 3rd, 2018 at 22:24 IST

BSP नेता सुधींद्र भदौरिया बोले, 'महागठबंधन कभी था ही नहीं'

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कांग्रेस के साथ चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है. 

Reported by: Gaurav Kumar
| Image:self
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बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कांग्रेस के साथ चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है. बता दें, मायावती ने कांग्रेस पार्टी के नेता दिग्विजय सिंह पर करारा हमला बोला है. वहीं अब रिपब्लिक टीवी के डिबेट शो में बहुजन समाज पार्टी के वरिष्ठ नेता सुधींद्र भदौरिया ने एक चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा है कि महागठबंधन कभी था ही नहीं. 

सुधींद्र भदौरिया कहते हैं कि ''महागठबंधन कभी था ही नहीं... हमने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था.'' सुधींद्र भदौरिया के इस बयान पर बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि 'आज असलियत दिख गई हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और .. ये महागठबंधन वैसा ही था.  जिसके दिखाने के कुछ और थे और हकीकत कुछ और थी.'

''कांगेस हाथी चाह रही थी लेकिन वो हाथी के पांव के निचे आ गई. महागठबंधन का सपना भी पूरी तरह से चकनाचूर हो गया जो कि कभी था कि नहीं.''

इसके साथ ही सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ''बीजेपी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमारे खिलाफ कौन महागठबंधन बनाता है और हमारे खिलाफ कौन लड़ता है. पूरा देश नरेंद्र मोदी के रास्ते पर चल रहा है. हमें कोई फर्क नहीं पड़ता.. देश की जनता मोदी जी के साथ है.'' 

वहीं डिबेट में JDU नेता अजय आलोक ने कहा कि ''कांग्रेस ने बिहार और उत्तर प्रदेश में अपना जनाधार खो दिया है. बहन जी की अजीब माया कांग्रेस को हमेशा धूप, 'नहीं' मिलेगी छाया.'' 

अजय आलोक ने आगे कहा, ''2018 जुलाई में मायावती ने कहा था कि अगर किसी तरह का गठबंधन होता है तो वो मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हो सकता है. जिसे कांग्रेस ने नजरअंदाज किया. लेकिन उन्हें इसपर फैसला लेना था और जब उन्होंने देखा कि कांग्रेस बस उनका शोषण कर रही है तब उन्होंने महागठबंधन से किनारा करना ही उचित समझा..''

इसी के साथ अजय आलोक ने कहा कि ''महागठबंधन में जितने भी नेता हैं उनकी नीयत ठीक नहीं है. जब उनकी नीयत सही नहीं है तो उनकी नीति कैसे सही हो जाएगी और नीति सही नहीं हो सकती है तो रास्ते सही नहीं हो सकते हैं. अब लोगों को सोचना है कि महागठबंधन का क्या करना है? जिसमें लालू यादव, राहुल गांधी, अखिलेश यादव रह गए हैं.''

बता दें, कांग्रेस लगातार महागठबंधन की वकालत करती रही है. मायावती के द्वारा कांग्रेस का साथ छोड़ने से 'महागठबंधन' को एक बड़ा झटका लगा है. 

गौरतलब है कि BSP सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस पार्टी पर हमला करते हुए ऐलान किया है कि वो आने वाले विधानसभा चुनाव को अकेले ही लेड़ेंगी. मायावती ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि दिग्विजय सिंह जैसे नेता कांग्रेस-बीएसपी के बीच गठबंधन नहीं चाहते.

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Published October 3rd, 2018 at 22:24 IST

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