Updated September 22nd, 2018 at 18:46 IST
राफेल डील पर उठ रहे सवालों का बीजेपी ने दिया जवाब, कहा- जहाजों की कीमत बताने से दुश्मन देशों की होगी मदद
राफेल मुद्दे पर कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. बीजेपी की तरफ से कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा,
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फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के द्वारा राफेल डील पर दिए गए कथित बयान के बाद देश की विपक्ष केंद्र सरकार पर काफी हमलावर हो गई है. राफेल मुद्दे पर कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. बीजेपी की तरफ से कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री ईमानदारी के प्रतीक ग्लोबल लीडर को चोर कहा है. आजाद भारत में आज तक किसी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ऐसे शब्दों का प्रयोग किसी प्रधानमंत्री के लिए नहीं किया है.'
इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी से हम कुछ और उम्मीद कर भी नहीं सकते हैं. न गुण कुछ है न काबिलियत कुछ है परिवार की वजह से वहां पर बैठा हुआ हैं. एक ऐसा व्यक्ति जो भ्रष्टाचार जमीन की लूट और शेयर की लूट में नेशनल हेराल्ड केस में चार्जशीटेड है अपनी मां के साथ .. उससे हम कुछ और अपेक्षा कर भी नहीं सकते हैं..'
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ''एक ऐसा व्यक्ति जो अपने बहनोई के द्वारा सीधा जमीन लूटने पर खामोश रहता है.. हम उससे कुछ और उम्मीद कर भी नहीं सकते हैं. एक ऐसा व्यक्ति जिसके पूरे परिवार ने बोर्फोस में घुस लेकर भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा की थी उससे हम कोई उम्मीद कर भी नहीं सकते ..इनका पूरा परिवार 2 जी, कोयला घोटाला .. आदर्श घोटाला भरा पड़ा है इनके मुख्यमंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा है.. मनमोहन सिंह को ट्रायल फेस करना पड़ा ..''
राफेल को लेकर रविशंकर प्रसाद ने कहा, 1 जून 2001 को 126 एयरक्राफ्ट के रिप्लेसमेंट की बात कही गई.. और आपको पता है कि देश की वायुसेना के लिए नए प्लेन चाहिए .. क्योंकि वो कमजोर हो गए हैं क्योंकि एक्सीडेंट होते हैं .. 28 अगस्त 2004 को रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल जिसे RFP कहते हैं जिसमें दो कंपनियां डसाल्ट एविएशन और EADS ये दोनों इस ऑफर के साथ आए..
''जनवरी 2012 में पांच साल बाद UPA ने नेगोशिएट करके डसाल्ट कंपनी को L1 पाया. और 27 जून 2012 को कहा कि इस डील को फिर से रिएग्जामिन करिए.. जनवरी में डसाल्ट को सबसे नीम्न पाया और 27 जून 2012 को इसको फिर से रिएग्जामिन करने के लिए क्यों कहा.. राहुल गांधी आप बताइए की इसे फिर से रिएग्जामिन क्यों किया गया ? 10 साल से वायु सेना बार-बार कह रही है कि हमें एयरक्राफ्ट मिलना चाहिए.. हमारा स्पष्ट आरोप है कि घूस नहीं मिला इसलिए रिएग्जामिन किया गया . मतलब 2001 से 2012 के बीच की गई मेहनत बेकार हो गई.''
''मैं राहुल गांधी से कहना चाहूंगा कि 2012 में ही रिलायंस के साथ नेगोशिएशन हुआ था और ये बातें अखबारों में आईं थीं.. और MoU भी हुआ था.. फरवरी 13, 2012 एक अखबार में छपा था..हम सत्ता में 26 मई 2014 को आए.. हमारे सत्ता में आने से पहले ही राहुल गांधी की सत्ता में ही ये MoU फाइनल हो गया था.. और वो सवाल हमसे पूछ रहे हैं. जब हमारी सरकार आती है.. तब वायुसेना आग्रह कर रही है बेड़ो की कमी है.. हमारे दुश्मनों के बेड़ों में वायुसेना मजबूत हो रहे हैं.. आप हमारी मदद करिए हम आपसे अपेक्षा करते हैं..''
''तब डिफेंस एक्जीक्यूशन प्रोसैस या तो आप नेगोशिएशन करके जाते हैं टेंडर के माध्यम से या गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट ये भी एक लीगल प्रोविजन है.. जिसके आधार पर 10 अप्रैल 2015 को एक जॉइंट स्टेटमेंट आया .. और 23 सितंबर 2016 को ये डील साइन हुई. हमें गर्व है हमारे प्रधानमंत्री पर की हमारे वायुसेना की चिंता को देखते हुए उन्होंने आते के साथ कहा कि ये डील हो चुकी है .. पिछले 10 सालों से पेंडिंग पड़ी है.''
''सवाल उठते हैं आपने 36 विमान ही क्यों लिया.. मैं बता दूं 36 ही इसलिए लिया..क्योंकि बाकि सब भारत में बनेंगे..भारत में लोगों को अवसर मिलेंगे. वायुसेना को जरूरत है इसलिए 36 ले आओ तुरंत ..जहाज बिना हथियार के दिल्ली से मुंबई उड़के चला जाएगा.. लेकिन वो जहाज किसी पायलट के ट्रायल के लिए नहीं है.. वो जहाज अटैक जहाज है .. इसलिए उसमें हथियार चाहिए..''
उन्होंने कहा, ''मेन एयरक्राफ्ट उनके एयरक्राफ्ट से 9 प्रतिशत कम है.. और हथियारों के साथ लगा हुआ एयरक्राफ्ट उनके द्वारा नेगोशिएट किए से 20 प्रतिशत कम है. अब राहुल गांधी कह रहे हैं पूरी बात बताओं ..क्या हम जहाज का डीटेल बताए.. इसमें क्या-क्या वेपन लगा हुआ है.. इसमें क्या-क्या उपकरण लगे हुए हैं.. ताकी पाकिस्तान और चीन को पता लग जाए की भारत के पास कौन-कौन से जहाज हैं अगर जहाज के दाम बता दिए जाएंगे तो दुश्मन देशों को उन जहाजों के बारे में पता लग जाएगा..''
रविशंकर प्रसाद ने कहा, सभी 36 राफेल एरयक्राफ्ट बनकर आएंगे क्योंकि वो देश की सुरक्षा के लिए जरुरी है..ऑफसेट का मतलब क्या होता.. इसका मतलब होता है कि कुछ जहाज बनकर आएंगे और कुछ भारत में बनेंगे.. ताकी यहां के लोगों को नौकरी मिलेगी.. उधोग बढ़ेगा..''
बता दें, राहुल गांधी इस पूरे मामले पर कहा था कि ''प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से बंद दरवाजे के पीछे बातचीत की और राफेल डील को बदल दिया. फ्रांस्वा ओलांद का धन्यवाद.. अब हम जानते हैं कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से दिवालिया अनिल अंबानी को अरबों डॉलर का सौदा दिलवाया. प्रधानमंत्री ने भारत को धोखा दिया है. उन्होंने हमारे सैनिकों के खून का अपमान किया है.''
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Published September 22nd, 2018 at 18:46 IST
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