Updated September 28th, 2018 at 12:43 IST
भीमाकोरे गांव केस: सुप्रीम कोर्ट ने पांचों आरोपियों की नजरबंदी को चार हफ्तों के लिए आगे बढ़ाया ..
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि गिरफ्तारियां राजनीतिक असहमति की वजह से नहीं हुई हैं.
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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार रोमिला थापर और अन्य लोगों के द्वारा दायर की गई पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की रिहाई से संबंधित याचिका को खारिज कर दिया है. बता दें, इन लोगों को भीमा-कोरेगांव मामले में नजरबंद किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला 2:1 से खारिज कर दिया है. कोर्ट का कहना है कि आरोपी ये तय नहीं करेंगे की उनकी जांच कौन सी एजेंसी करेगी.
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि गिरफ्तारियां राजनीतिक असहमति की वजह से नहीं हुई हैं. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि सभी आरोपी अगले चार हफ्तों के लिए नजरबंद ही रहेंगे और महाराष्ट्र पुलिस इस पूरे मामले में जांच करेगी.
बता दें, इस बेंच में दीपक मिश्रा के अलावा जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शामिल हैं. इससे पहले कोर्ट के द्वारा महाराष्ट्र पुलिस से मामले में चल रही जांच से संबंधित अपनी केस डायरी दर्ज करने के लिए कहा था. बता दें, इन पांचों आरोपियों के नाम वरवर राव, अरुण फरेरा, वेरॉन गोंसाल्वेस, सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा हैं.
वहीं 17 सितंबर को केंद्र सरकार पहली बार इस पूरे मामले पर कोर्ट में पेश हुई थी. बता दें, इन पांचों आरोपियों पर नक्सलियों के साथ संबंध रखने के आरोप लगे हैं. भारत सरकार की तरफ से ASG मनिंदर सिंह ने कोर्ट को उस दौरान बताया था कि नक्सलवाद देश में एक समस्या है. उन्होंने कहा था कि 5 आरोपी के पास निचली अदालत से संपर्क करने के विकल्प हैं. बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने 29 अगस्त को इन पांचों लोगों को नजरबंद करने का आदेश जारी किया था.
इससे पहले जून में पुणे पुलिस ने रोना विल्सन को सुरेंद्र गडलिंग, सुधीर धावले, सोमा सेन, महेश राउत और राना जैकब को भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार किया था. इन लोगों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने रोना विल्सन के लैपटॉप से एक लैटर को बरामद किया था जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या राजीव गांधी स्टाइल में करने का जिक्र किया गया था.
गौरतलब है कि भीमा कोरेगांव युद्ध की 200वीं वर्षगांठ के दौरान हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा के दौरान कई लोगों के घायल होने की खबर आई थी.
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Published September 28th, 2018 at 12:43 IST
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