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Updated November 2nd, 2018 at 10:47 IST

राम मंदिर निर्माण को लेकर आर-पार के मूड में RSS, अमित शाह और मोहन भागवत के बीच मुलाकात जारी

RSS शुक्रवार को लगभग 12:30 बजे मंदिर मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करने वाली है.

Reported by: Gaurav Kumar
| Image:self
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अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कई बैठकें कर रही है. खुद संघ प्रमुख मोहन भागवत मीटिंग में मंदिर का निर्माण कैसे किया जाए इस बात की योजना बना रहे हैं. राम मंदिर को लेकर मोहन भागवत और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के बीच मुलाकात हो रही है. मीटिंग लगभग एक घंटे से भी ज्यादा समय से चल रही है.

बता दें, RSS शुक्रवार को लगभग 12:30 बजे मंदिर मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करने वाली है. RSS सरकार को साफ मैसेज देना चाह रही है कि वो मंदिर निर्माण को लेकर अब ओर देरी नहीं चाहते हैं. RSS इस बार मंदिर निर्माण को लेकर आर-पार के मूड में नजर आ रही है. RSS का साफ कहना है कि मंदिर निर्माण को लेकर ये सही समय है. केंद्र और राज्य दोनों में बीजेपी की सरकार है. 

क्या चाहता है संघ?

RSS का साफतौर पर कहना है कि अब तो जनभावना का सम्मान होना चाहिए, करोड़ों हिंदू लोग चाहते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर बने. RSS का कहना है कि भले ही कोर्ट में ये मामला चल रहा हो लेकिन सरकार को विवादित जमीन को एक्वायर करना चाहिए और राम मंदिर का निर्माण करवाना चाहिए.

संघ में ये डर है कि अगर 2019 में किसी वजह से केंद्र में सरकार नहीं बनती है तो फिर राम मंदिर का मुद्दा फिर अटक सकता है. वहीं इससे पहले बीजेपी राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने ट्वीट करते हुए इस मामले में Private Member Bill लाने की बात कही थी.

सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर हो राम मंदिर का निर्माण: RSS

इससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने राम मंदिर मुद्दे को लेकर एक प्रश्न के उत्तर में कहा था कि यह मुद्दा न हिंदू-मुस्लिम का है और न ही मंदिर-मस्जिद के विवाद का है. बाबर के सेनापति ने जब अयोध्या में आक्रमण किया तो ऐसा नहीं था कि वहां नमाज के लिए जमीन नहीं थी. वहां खूब जमीन थी, मस्जिद बना सकते थे पर उसने आक्रमण कर मंदिर को तोड़ा था. पुरातत्व विभाग द्वारा की गई खुदाई में यह सिद्ध हो चुका है कि इस स्थान पर पहले मंदिर था.

'इस्लामी विद्वानों के अनुसार भी जबरदस्ती कब्ज़ाई भूमि पर पढ़ी गई नमाज कबूल नहीं होती है और सर्वोच्च न्यायालय ने भी अपने फ़ैसले में कहा है कि नमाज के लिए मस्जिद जरुरी नहीं होती, ये कहीं भी पढ़ी जा सकती है.'

'राम मंदिर राष्ट्रीय स्वाभिमान और गौरव का विषय है. उन्होंने कहा कि जैसे सरदार पटेल ने सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया और भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद खुद प्राणप्रतिष्ठा में गए थे. उन्होंने कहा कि इसी तरह सरकार को चाहिए कि वह मंदिर के लिए भूमि अधिग्रहीत कर उसे राम मंदिर निर्माण के लिए सौंप दे. इसके लिए सरकार कानून बनाए.'

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा ?

बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले की सुनवाई को जनवरी 2019 तक के लिए टाल दिया है. कोर्ट ने कहा है कि अभी कोई जरूरी तारीख नहीं दी जा सकती है क्योंकि कोर्ट की अन्य प्राथमिकताएं भी हैं. पहले ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि अयोध्या मामले पर 2019 लोकसभा चुनाव से पहले फैसला आ सकता है. 

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Published November 2nd, 2018 at 10:47 IST

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