Updated February 27th, 2021 at 20:33 IST
असम: AIUDF-कांग्रेस के साथ मिलकर RJD ने बनाया 'महागठबंधन', सीट बंटवारे पर होगी चर्चा
AIUDF बदरुद्दीन अजमल ने शनिवार को कांग्रेस और राजद के साथ सहयोग करते हुए कहा कि राजद नेता तेजस्वी यादव 'महागठबंधन' के लिए प्रचार करेंगे।
Advertisement
AIUDF बदरुद्दीन अजमल ने शनिवार को कांग्रेस और राजद के साथ सहयोग करते हुए कहा कि राजद नेता तेजस्वी यादव 'महागठबंधन' के लिए प्रचार करेंगे। अजमल ने स्पष्ट किया कि सीट बंटवारे को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। बता दें कि बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम ने घोषणा की है कि वह आगामी असम चुनावों में कांग्रेस और वाम दलों के साथ सहयोग करेंगे। असम के चुनाव 3 चरणों - 27 मार्च, 1 अप्रैल और 6 अप्रैल को होंगे, जबकि परिणाम 2 मई को घोषित किए जाएंगे।
AIUDF-RJD-कांग्रेस का गठबंधन
अजमल ने कहा- “हम मिले हैं और उन्होंने (तेजस्वी) महागठबंधन की मदद करने पर हमें आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि वह आएंगे और हमारे लिए प्रचार करेंगे। सीट-बंटवारे के बारे में, हमारी अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई थी। हम इसके बारे में बाद में बात करेंगे। अमित शाह और मोदी गठबंधन से डरे हुए हैं।”
इससे पहले, अपनी विस्तार योजनाओं की घोषणा करते हुए तेजस्वी ने कहा था- “हम असम विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। असम में बड़ी संख्या में यूपी, बिहार से लोग आते हैं। न्यूनतम 5% मतदाता हिंदी भाषी हैं। जो चाय बागानों में काम कर रहे हैं, वे बिहार, झारखंड, ओडिशा से हैं। हमने अपनी पार्टी का विस्तार करने का फैसला किया है और उसके लिए, एक राजनीतिक दल के रूप में हमने गठबंधन के लिए कांग्रेस, AIUDF से बात की है।”
ये भी पढ़ें- असम में 3 चरणों में होंगे मतदान, 2 मई को आएंगे नतीजे
कांग्रेस-AIUDF गठबंधन
आगामी चुनावों के लिए AIUDF ने कांग्रेस, तीन वामपंथी दलों - CPI- मार्क्सवादी, CPI, CPI (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) और AGM के साथ हाथ मिलाया है। खबरों के मुताबिक, 'असम को बचाने' के महागठबंधन को दिवंगत सीएम तरुण गोगोई ने शुरू किया था जो 2021 के चुनावों के लिए कांग्रेस-AIUDF गठबंधन को सील करने के लिए अजमल के पास गए थे। आगामी चुनाव में इस गठबंधन का सामना अब बीजेपी-असम गण परिषद गठबंधन से है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने असम के समझौते पर अडिग रहने का आश्वासन देते हुए कांग्रेस के प्रचार अभियान को शुरू किया था और कहा था कि ‘वह CAA लागू नहीं होने देंगे’।
गौरतलब है कि असम में सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखा गया है क्योंकि असम के लोग प्रवासियों के बड़े पैमाने पर आने से डरे हुए हैं जो उनकी स्वदेशी संस्कृति को खतरा पहुंचाएगा। NRC ड्राइव के विनाश के बाद, बीजेपी को राज्य को CAA के फायदे समझाना अभी तक बाकी है।
इस बीच, दोनों पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम में प्रचार किया जिसमें उन्होंने आश्वासन दिया कि ‘कोरोना के टीकाकरण अभियान के बाद राज्य में CAA लागू किया जाएगा’।
ये भी पढ़ेंः तेजस्वी यादव का ऐलान; 'असम विधानसभा चुनाव लड़ेगी RJD'
Advertisement
Published February 27th, 2021 at 20:28 IST
आपकी आवाज. अब डायरेक्ट.
अपने विचार हमें भेजें, हम उन्हें प्रकाशित करेंगे। यह खंड मॉडरेट किया गया है।