Updated October 30th, 2018 at 09:01 IST
ओवैसी ने दिया मोदी सरकार को राम मंदिर पर अध्यादेश लाने का चैलेंज
AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि हमें कोर्ट के फैसले को मानना चाहिए.
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अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2019 तक सुनवाई टाल दी है. कोर्ट ने कहा कि अभी कोई जरूरी तारीख नहीं दी जा सकती है क्योंकि कोर्ट की अन्य प्राथमिकताएं भी हैं. जिसके बाद अब इस मामले पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो चुकी है. कोर्ट के इस फैसले पर AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि हमें कोर्ट के फैसले को मानना चाहिए. ये एक टाइटल सूट है जो कोर्ट काफी समय से कहा रहा है.
ओवैसी ने आगे कहा 'सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा है कि एक नई बेंच इस मामले पर सुनवाई करेगी.' इसके साथ ओवैसी ने कहा, 'अगर 56 इंच का सीना है तो लाओ अध्यादेश?' वहीं बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह पर भी उन्होंने निशाना साधते हुए कहा, 'केंद्र सरकार को गिरिराज सिंह को अटॉर्नी जनरल बना देना चाहिए .. उन्हें ही ये केस लड़ने देना चाहिए. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहना चाहता हूं कि वो गिरिराज सिंह को अटॉर्नी जनरल बना दें.'
ओवैसी बोले, 'वो लोग राम मंदिर पर अध्यादेश क्यों नहीं ला रहे हैं? हर समय वो कहते रहते हैं कि वो अध्यादेश लाएंगे.. अध्यादेश लाएंगे.. हर समय बीजेपी, RSS और VHP के लोग यही बात दोहराते रहते हैं.. मैं कहना चाहूंगा कि आप ऐसा करो क्योंकि आप सत्ता में हो.. मैं तुम्हें चैंलेज करता हूं ..''
वहीं उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर नाराजगी जताई है. मौर्य ने कहा है कि अयोध्या मामले पर सुनवाई टलने का अच्छा मैसेज नहीं जाएगा.
वहीं जफरयाब जिलानी ने कहा है कि उन्हें पता होना चाहिए की वो कोर्ट को डरा नहीं सकते हैं. बीजेपी इस पूरे मामले पर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है. बता दें, पहले ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई तेजी से होगी और अयोध्या मामले पर 2019 लोकसभा चुनाव से पहले एक बड़ा फैसला आ सकता है.
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Published October 29th, 2018 at 13:39 IST
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