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Updated October 24th, 2018 at 13:50 IST

CBI विवाद पर अरूण जेटली बोले- इस वजह के चलते चीफ आलोक वर्मा और अस्थाना को छुट्टी पर भेजा...

जेटली ने संवाददाताओं से कहा कि देश की अग्रणी जांच एजेंसी के दो शीर्ष अधिकारियों के आरोप-प्रत्यारोप के कारण बहुत ही विचित्र तथा दुर्भाग्यपूर्ण हालात बने हैं.

Reported by: Neeraj Chouhan
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वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बुधवार को कहा कि सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को हटाने का निर्णय सरकार ने सीवीसी की सिफारिशों के आधार पर लिया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कहा कि एजेंसी की संस्थागत ईमानदारी और विश्वसनीयता को कायम रखने के लिए यह अत्यंत आवश्यक था.

जेटली ने बताया कि केंद्रीय सर्तकता आयोग (सीवीसी) ने ये सिफारिश बीती शाम को की थी.

जेटली ने संवाददाताओं से कहा कि देश की अग्रणी जांच एजेंसी के दो शीर्ष अधिकारियों के आरोप-प्रत्यारोप के कारण बहुत ही विचित्र तथा दुर्भाग्यपूर्ण हालात बने हैं.

उन्होंने कहा कि आरोपों की जांच विशेष जांच दल करेगा और अंतरिम उपाय के तौर पर दोनों को अवकाश पर रखा जाएगा.

मंत्री ने कहा कि यह हालात सामान्य नहीं हैं और आरोपियों को उनके ही खिलाफ की जा रही जांच का प्रभारी नहीं होने दिया जा सकता.

उन्होंने कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के उन आरोपों को भी खारिज किया जिसमें कहा गया कि वर्मा को इसलिए हटाया गया क्योंकि वह राफेल लड़ाकू विमान सौदे की जांच करना चाहते थे.

जेटली ने कहा कि इन आरोपों को देखते हुए लगता है कि उन्हें (विपक्षी दलों को) यह भी पता चल रहा था कि संबंधित अधिकारी के दिमाग में क्या चल रहा है. इससे उस व्यक्ति की ईमानदारी पर अपनेआप ही सवाल खड़े होते हैं, जिसका कि वे समर्थन करने की कोशिश कर रहे हैं

सीबीआई में क्या हुए बड़े बदलाव

सीबीआई ने अपने विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रही टीम में बड़े बदलाव किए हैं. अब इस जांच टीम में बिल्कुल नए चेहरे शामिल किए गए हैं. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि जांच अधिकारी से लेकर पर्यवेक्षक स्तर तक के अधिकारी बदल दिए गए हैं.

अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार की देर रात सीबीआई प्रमुख का प्रभार संभालने वाले 1986 बैच के ओड़िशा कैडर के आईपीएस अधिकारी एम. नागेश्वर राव ने पुलिस अधीक्षक के तौर पर सतीश डागर को अस्थाना के खिलाफ दर्ज मामले की जांच का जिम्मा सौंपा है.

डागर इससे पहले डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के खिलाफ मामलों की जांच कर चुके हैं.

पुलिस अधीक्षक डागर की ओर से की जाने वाली जांच के पहले पर्यवेक्षण अधिकारी होंगे डीआईजी तरुण गाबा, जिन्होंने व्यापमं घोटाले के मामलों की जांच की थी. संयुक्त निदेशक स्तर पर वी. मुरुगेशन को लाया गया है. वह सीबीआई मुख्यालय में भ्रष्टाचार निरोधक इकाई-एक के संयुक्त निदेशक होंगे.

(इनपुट- भाषा)

 

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Published October 24th, 2018 at 13:50 IST

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