Updated December 17th, 2018 at 13:25 IST
1984 दंगे को लेकर राजनीतिक पारा गरम, सज्जन के बाद कमलनाथ के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज
1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को सज़ा के बाद कमलनाथ के खिलाफ कार्रवाई की मांग काफी बढ़ गई है.
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1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में सज्जन कुमार को सजा के बाद कांग्रेस नेता कमलनाथ की मुश्किलें बड़ सकती हैं. दरअसल न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले के बाद अचानक से कमलनाथ के खिलाफ बयानबाजी और जांच की मांग तेज हो गई है. राजनीतिक महकमे में कमलनाथ और कांग्रेस पार्टी के खिलाफ दंगे को लेकर काफी नाराजगी देखी जा रही है.
गौरतलब है कि निचली अदालत से बरी होने के बाद सज्जन कुमार को दिल्ली हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. हाईकोर्ट में निचली अदालत द्वारा कमलनाथ को बरी करने वाले फैसले के खिलाफ सीबीआई ने अपील दायर की थी. जिसपर सोमवार को फैसला सुनाते हुए सज्जन को दोषी करार दिया और सजा सुनाई.
कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को सज़ा के बाद कमलनाथ के खिलाफ कार्रवाई की मांग काफी बढ़ गई है. बता दें, हाल ही में कांग्रेस पार्टी ने ये फैसला लिया है कि कमलनाथ को बतौर मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश की कमान सौंपी जाएगी. लेकिन अब कमलनाथ की मुश्किलें बढ़ती जा रही है.
अकाली दल समेत सिख समुदाय के कई नेताओं और सदस्यों ने कथित रूप से शामिल अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई की मांग की है.
इसे लेकर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कांग्रेस पार्टी के खिलाफ जमकर हमला बोला. मध्यप्रदेश का सीएम बनाए जाने के कांग्रेस पार्टी के फैसले पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 1984 दंगों में कमलनाथ की कथित तौर पर भूमिका थी और कांग्रेस उन्हें सीएम बनाने जा रही है. उन्होंने कहा, ''कांग्रेस इन लोगों को बढ़ावा दे रही है जिन्हें राजीव गांधी अपने दाहिने हाथों के रूप में इस्तेमाल करते थे. कमल नाथ वहां मौजूद थे. उन्होंने हत्या का आदेश दिया और कांग्रेस अभी भी उन्हें बढ़ावा दे रही है और उन्हें समर्थन दे रही है.
1984 के दंगों में शामिल कांग्रेस नेता को लेकर साल 2014 में अर्नब गोस्वमी ने राहुल गांधी से कुछ सवालात किए थे. जो कुछ इस प्रकार हैं...
अर्नाब गोस्वामी: क्या आप 1984 के दंगों के लिए क्षमा चाहते हैं? क्या कांग्रेसी शामिल थे?
राहुल गांधी: कुछ कांग्रेसी शायद शामिल थे
अर्नब गोस्वामी: आप स्वीकार करते हैं कि कुछ कांग्रेसी शायद शामिल थे?
राहुल गांधी: कुछ कांग्रेस कर्मियों को इसके लिए दंडित किया गया है
हालांकि, इस साल की शुरुआत में लंदन में एक बातचीत के दौरान ब्रिटेन स्थित संसद सदस्यों से बात करते हुए राहुल गांधी ने यू-टर्न लिया था.
उनसे पूछा गया: "जब 1984 के बारे में बात करते हैं, तो सिर्फ दिल्ली में 3000 से अधिक हत्याओं में कांग्रेस पार्टी की आपराधिक भागीदारी की बात होती है."
इसके लिए, कांग्रेस अध्यक्ष ने सिख विरोधी दंगों को "त्रासदी" और "दर्दनाक अनुभव" कहा
उन्होंने इसपर जवाब दिया, "आप कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी शामिल थी. मैं इससे सहमत नहीं हूं."
इस टिप्पणी के बाद बीजेपी ने अपने ट्वीट में राहुल गांधी के अर्नब गोस्वामी के इंटरव्यू का हवाला देते हुए कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की अप्रत्याशित हिंसा का जवाब माना जाता है. राजीव गांधी ने कहा था "जब एक बड़ा पेड़ गिरता है, तो धरती हिलती है."
भाजपा के ताजिंदर सिंह बाग्गा भी कमलनाथ को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किए जाने के खिलाफ भूख हड़ताल कर रहे हैं. उनके आरोपों को पोस्टर में दिखाया गया है. जो काफी शेयर किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री पद के लिए कमलनाथ का चयन करने के कांग्रेस के कदम का विरोध करते हुए बग्गा ने कहा, ‘‘उन्हें (कमलनाथ को) मुख्यमंत्री पद के लिए मनोनीत करने के राहुल गांधी के फैसले के खिलाफ मैं अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठा हूं. कमलनाथ वही व्यक्ति हैं जो दिल्ली में सिखों के खिलाफ दंगों में शामिल थे’’
रिपब्लिक टीवी से बात करते हुए पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा, "कमलनाथ का मुख्यमंत्री बनना एक अच्छी बात नहीं है"
इसके अलावा रिपब्लिक टीवी से खास बातचीत के दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा, "प्रभावी रूप से, 1984 के बाद कांग्रेस पार्टी ने दंगा भड़काने वाले नेताओं को टिकट दिया. जिनमें से कुछ सासंद बन गए तो कुछ को मंत्री बना दिया गया. अब उनमें से ही एक मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहा है."
2014 में अर्नब गोस्वामी से बात करते हुए राहुल राहुल गांधी ने इस बात का हवाला दिया था कि जिनकी कथित और तनिक भी भूमिका 1984 दंगे में रही है वो कांग्रेस के सदस्य के रूप में राजनीति में सक्रिय नहीं थे. अब सवाल उठता है कि क्या वो इस वक्त ये दावा कर सकते हैं जब वो कांग्रेस अध्यक्ष हैं.
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Published December 17th, 2018 at 13:07 IST
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