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Updated January 25th, 2023 at 10:44 IST

कौन हैं Saurabh Kirpal, जिनके नाम पर सुप्रीम कोर्ट और केंद्र में है टकराव? जानिए

देश में इन दिनों जजों की नियुक्ति को लेकर न्यायपालिका और केंद्र सरकार आमने-सामने हैं। द्र और न्यायापलिका में संघर्ष के बीच वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ कृपाल (Saurabh Kirpal) के नाम की चर्चा सबसे ज्यादा है। 

Reported by: Dalchand Kumar
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देश में इन दिनों जजों की नियुक्ति को लेकर न्यायपालिका और केंद्र सरकार आमने-सामने हैं। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की तरफ से केंद्र को लेटर लिखकर कॉलेजियम सिस्टम का हवाला दिया जा रहा है तो सिफारिश को नहीं मानने की स्थिति में खड़ी केंद्र सरकार (Central Government) अब और आक्रामक अंदाज में आ चुकी है। केंद्र और न्यायापलिका में संघर्ष के बीच वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ कृपाल (Saurabh Kirpal) के नाम की चर्चा सबसे ज्यादा है। 

दरअसल, केंद्र और सुप्रीम कोर्ट में हालिया तनातनी की वजह वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ कृपाल को माना जा रहा है। ऐसा इसलिए कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में जज की नियुक्ति के लिए सौरभ कृपाल के नाम की सिफारिश की गई है। मगर केंद्र सरकार सौरभ कृपाल के नाम पर असहमत है। ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि सौरभ कृपाल हैं कौन, जिनको लेकर यह विवाद छिड़ा है।

बन सकते हैं देश के पहले समलैंगिक न्यायाधीश!

हालांकि यहां सौरभ कृपाल के बारे में जानने से पहले ये आपको ये बताना जरूरी हो जाता कि वो देश के पहले समलैंगिक न्यायाधीश बन सकते हैं। यदि केंद्र सरकार दिल्ली हाईकोर्ट में जज पद पर उनकी नियुक्ति को लेकर कॉलेजियम की दोबारा भेजी गई सिफारिश मंजूर कर लेती है, तो वह देश की किसी संवैधानिक अदालत के पहले समलैंगिक न्यायाधीश हो सकते हैं।

सौरभ कृपाल समलैंगिक स्थिति पर खुले विचार के हैं 

वैसे 50 वर्षीय सौरभ कृपाल अपनी समलैंगिक स्थिति के बारे में काफी खुले विचार के हैं। वह उस कानूनी टीम का हिस्सा थे, जिसने एलजीबीटीक्यू (लेस्बियन, गे, बाइसेक्शुअल, ट्रांसजेंडर और क्वीर) समूह के कुछ याचिकाकर्ताओं का सुप्रीम कोर्ट में प्रतिनिधित्व किया था। सुप्रीम कोर्ट ने दो समलैंगिक वयस्कों के बीच आपसी सहमति से यौन संबंध को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था।

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सौरभ कृपाल के बारे में जानिए

वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ कृपाल भारत के 31वें चीफ जस्टिस बीएन कृपाल (भूपेंद्र नाथ कृपाल) के बेटे हैं। सौरभ कृपाल ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से कानून की शिक्षा ली है और जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में एक संक्षिप्त कार्यकाल के बाद भारत लौटने से पहले कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में 'मास्टर ऑफ लॉ (एलएलएम)' किया। वह दो दशक से अधिक समय से उच्चतम न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय में वकालत कर रहे हैं।

कृपाल ने एक पुस्तक 'सेक्स एंड द सुप्रीम कोर्ट: हाउ द लॉ इज अपहोल्डिंग द डिग्निटी ऑफ द इंडियन सिटीजन'  का भी संपादन किया है, जिसमें यौन, कामुकता और लिंग के विभिन्न पहलुओं पर कानून के प्रभाव की व्याख्या और पड़ताल करने का प्रयास किया गया है।

2017 में दिल्ली हाईकोर्ट कॉलेजियम ने की थी ये सिफारिश

दिल्ली उच्च न्यायालय कॉलेजियम द्वारा उन्हें पदोन्नत करने के लिए 2017 में सिफारिश की गई थी। उच्च न्यायालय की कॉलेजियम की अध्यक्षता कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने की थी। दिल्ली उच्च न्यायालय के सभी 31 न्यायाधीशों के वोट प्राप्त करने के बाद उन्हें मार्च 2021 में वरिष्ठ अधिवक्ता पद से सुशोभित किया गया था। 

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Published January 25th, 2023 at 10:21 IST

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