Updated July 30th, 2021 at 17:44 IST
बंगाल: SC ने चुनाव बाद हुई हिंसा की याचिका 2 सप्ताह के लिए की स्थगित; पीड़ितों के लिए की मुआवजे की मांग
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में कथित हिंसा के कारणों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई 2 सप्ताह के लिए टाल दी है।
Advertisement
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में कथित हिंसा के कारणों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई 2 सप्ताह के लिए स्थगित कर दी है।
न्यायमूर्ति विनीत सरन की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा मामले की सुनवाई 2 सप्ताह बाद तय की गई है। इससे पहले बेंच ने केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल की राज्य सरकार और भारत के चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया था। सभी से उस याचिका पर जवाब मांगा गया था। जिसमें पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के कारण पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए मुआवजे की मांग की गई थी।
पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा पर याचिका में 2 मई, 2021 से राज्य में हुई हिंसा के कारणों की जांच के लिए एक एसआईटी गठित करने के निर्देश देने की भी मांग की गई है। जांच में हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाना है। ताकि दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके। याचिका हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस, अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री और जितेंद्र सिंह द्वारा दायर की गई थी।
याचिका में दावा किया गया है कि अप्रैल 2021 में हुए आम चुनावों के दौरान भाजपा का समर्थन करने के लिए राज्य के हजारों लोगों को आतंकित, दंडित और प्रताड़ित किया जा रहा है। हिंसा के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पार्टी के कार्यकर्ताओं को कथित रूप से जिम्मेदार ठहराया गया है।
इसे भी पढ़ें - जम्मू-कश्मीर में फिर नजर आया पाकिस्तानी ड्रोन, सेना ने की जबावी फायरिंग
याचिका में यह मांग की गई है कि केंद्र और राज्य सरकारें उन लोगों के पुनर्वास के लिए कार्रवाई करे, जिन्हें चुनाव परिणाम घोषित होने के दिन 2 मई को शुरू हुई हिंसा के कारण असम या भारत में अन्य स्थानों पर पलायन करना पड़ा था।
याचिका में कहा गया है, "याचिकाकर्ता पश्चिम बंगाल के उन हजारों नागरिकों की मदद कर रहे हैं, जो ज्यादातर हिंदू हैं और बीजेपी को समर्थन देने का बदला लेने के लिए मुसलमानों द्वारा उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। क्योंकि वे हिंदुओं को परेशान करना चाहते हैं।"
दोनों पार्टियों के समर्थकों, टीएमसी और बीजेपी के राज्य के कई क्षेत्रों में कथित रूप से भिड़ने के बाद 2 मई से कई हिंसक घटनाओं की सूचना मिली है, जिसमें कम से कम 16 लोग मारे गए और पलायन शुरू हो गया। चुनाव के बाद हुई हिंसा में कई याचिकाएं दायर की गईं, जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों से जवाब मांगा। हालांकि टीएमसी ने आरोपों को बेबुनियाद बताया और सभी से शांति बनाए रखने का अनुरोध किया।
इसे भी पढ़ें - केंद्र सरकार ने मानसून सत्र में किया दावा, कहा - “पिछले पांच वर्षों में एक भी हाथ से मैला ढोने वालों की नहीं हुई मौत”
Advertisement
Published July 30th, 2021 at 17:39 IST
आपकी आवाज. अब डायरेक्ट.
अपने विचार हमें भेजें, हम उन्हें प्रकाशित करेंगे। यह खंड मॉडरेट किया गया है।