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Updated November 19th, 2018 at 13:58 IST

सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा को ‘जल्द से जल्द’ जवाब दाखिल करने का दिया निर्देश, कहा- 'मंगलवार को निर्धारित सुनवाई नहीं टलेगी'

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के निदेशक आलोक कुमार वर्मा से कहा कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में सीवीसी की जांच रिपोर्ट पर जल्द से जल्द आज ही अपना जवाब दाखिल करें.

Reported by: Ayush Sinha
| Image:self
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सीबीआई के निदेशक आलोक कुमार वर्मा से कहा कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में सीवीसी की जांच रिपोर्ट पर जल्द से जल्द आज ही अपना जवाब दाखिल करें. कोर्ट ने ये साफ किया है कि इस मामले के लिए मंगलवार को निर्धारित सुनवाई नहीं टाली जाएगी.

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ को वर्मा के वकील गोपाल शंकरनारायणन ने सूचित किया कि सीबीआई निदेशक रजिस्ट्री में अपना जवाब दाखिल नहीं कर सके हैं. जिसके बाद पीठ ने कहा, ‘‘हम तारीख आगे नहीं बढ़ाएगे. आप जल्द से जल्द अपना जवाब दाखिल करें. हमें भी जवाब पढ़ना होगा.’’ इस पर गोपाल ने कहा कि आज दिन में ही जवाब दाखिल कर दिया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीवीसी की प्रारंभिक रिपोर्ट पर 16 नवंबर को आलोक वर्मा को सीलबंद लिफाफे में सोमवार तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. 16 नवंबर को न्यायालय ने कहा था कि सीवीसी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कुछ ‘बहुत ही प्रतिकूल’ टिप्पणियां की हैं और वो कुछ आरोपों की आगे जांच करना चाहता है. इसके लिऐ उसे और समय चाहिए.

कोर्ट ने शुक्रवार को कहा था कि केंद्रीय सतर्कता आयोग की विस्तृत प्रारंभिक रिपोर्ट के निष्कर्ष में कुछ ‘अनुकूल’ और कुछ ‘बहुत ही प्रतिकूल’ हैं जिनकी आयोग द्वारा आगे जांच की आवश्यकता है. जिसके बाद प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसफ की पीठ ने इस गोपनीय रिपोर्ट के अवलोकन के बाद आदेश दिया था कि इसकी प्रति सीलबंद लिफाफे में आलोक वर्मा को दी जाए. पीठ ने आलोक वर्मा से इस पर सोमवार तक सीलबंद लिफाफे में ही जवाब मांगा है.

न्यायालय ने सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा के सभी अधिकार वापस लेने और उन्हें अवकाश पर भेजने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली वर्मा की याचिका पर सुनवाई के दौरान पिछले शुक्रवार को यह निर्देश दिया था.

बता दें, बीते दिनों सीबीआई में मचे घमासान से केंद्र सरकार की काफी आलोचना हुई थी. कांग्रेस ने इस पूरे मामले को राफेल डील की जांच से जोड़ा था. कांग्रेस ने कहा था कि सीबीआई निदेशक राफेल डील की जांच करने वाले थे इसलिए केंद्र सरकार के द्वारा उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया. वहीं केंद्र की तरफ से इन तमाम आरोपों का खंडन किया गया था. 

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Published November 19th, 2018 at 13:48 IST

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