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Updated October 10th, 2018 at 12:20 IST

सुप्रीम कोर्टने केंद्र सरकारसे राफेल पर 'फैसले की प्रक्रिया' का ब्योरा मांगा

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उन्हें कीमत और सौदे के तकनीकी विवरणों से जुड़ी सूचनाएं नहीं चाहिए.

Reported by: Gaurav Kumar
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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार से राफेल पर फैसले की प्रक्रिया का ब्योरा सीलबंद लिफाफे में सौंपने के लिए कहा है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उन्हें कीमत और सौदे के तकनीकी विवरणों से जुड़ी सूचनाएं नहीं चाहिए. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह याचिकाओं में लगाए गए आरोपों को ध्यान में नहीं रख रहे हैं.

केंद्र ने राफेल पर दाखिल जनहित याचिकाओं का विरोध किया और यह कहते हुए उन्हें खारिज करने का अनुरोध किया कि राजनीतिक लाभ लेने के लिए ये दाखिल की गई है.

बता दें, राफेल विमानों के दामों के खुलासे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली गई थी. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी की है. बता दें, इस पूरे मामले पर भारत सरकार की तरफ से पेश हुए अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट में कहा कि ''राष्ट्रीय सुरक्षा सबसे पहले है.. उसको लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट में कहा, ''ये याचिका राजनीति से प्रेरित है .. ये पब्लिक इंटरेस्ट के लिए नहीं है.. चुनाव के पहले इसे राजनीतिक लाभ के लिए दायर किया गया है.'' सुप्रीम कोर्ट ने राफले सौदे की खरीद में निर्णय लेने की प्रक्रिया का विवरण प्रस्तुत करने के लिए केंद्र सरकार से कहा है.

बता दें, राफेल मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच कई दिनों से विवाद चल रहा है. संसद हो या फिर राजनीकिक मंच इस पूरे मामले पर कांग्रेस पार्टी आर पार के मूड में है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी NDA पर इस कई सवाल खड़े कर रहे हैं. राहुल गांधी बार-बार HAL को ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट नहीं देने को लेकर सवाल खड़ा कर रहे हैं. 

इसे भी पढ़ें: वायुसेना प्रमुख का सम्मान, प्रधानमंत्री दें राफेल पर जवाब: कांग्रेस

बता दें, केंद्र सरकार की तरफ से वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री एवं कानून मंत्री ने अब तक राफेल विवाद पर विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया है. NDA पहले दिन से ही कह रही है कि राफेल डील में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है.

वहीं कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने ''राफेल डील'' कितने में किया है उसके दामों को उजागर करे. इसपर केंद्र सरकार का कहना है कि अगर राफेल के दामों को उजागर किया गया तो वो देशहित में नहीं होगा. उसका भारत को नुकसान होगा और दुश्मन देशों को फायदा. 

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Published October 10th, 2018 at 12:20 IST

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