Advertisement

Updated September 28th, 2018 at 11:27 IST

सबरीमाला मंदिर: महिलाओं की एंट्री को लेकर SC का ऐतिहासिक फैसला, कहा- महिलाओं को मंदिर में जाने से रोका नहीं जा सकता

सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश मामले में अहम सुनवाई करते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाया है.

Reported by: Gaurav Kumar
| Image:self
Advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश मामले में अहम सुनवाई करते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. पांच जजों की बेंच ने इस पूरे मामले पर अपना फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि, धर्म के मामले में भी महिला बराबर की हिस्सेदार , समाज को सोच बदलनी पड़ेगी. महिलाएं बराबर की हिस्सेदार हैं. महिलाओं को मंदिर में जाने से नहीं रोका जा सकता. बता दें, सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को प्रवेश की इजाजत नहीं थी. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया है. 

बता दें, सुप्रीम कोर्ट के द्वारा ये फैसला 4:1 के तहत दिया गया है. CJI दिपक मिश्रा के अलावा इस बेंच में जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा शामिल हैं.

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब हर उम्र की महिला सबरीमाला मंदिर जा सकेंगी. वहीं तृप्ती देसाई ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का समर्थन किया है.

वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि, ''ये फैसला स्वागत योग्य है.. हमारे हिंदू सनातन धर्म में नारी का बहुत सम्मान है.  जहां नारी का सम्मान होता है वहां पर देवता निवास करते हैं.'' बता दें, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड का कहना है कि हम रिव्यू पिटीशन के लिए जाएंगे.

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का बीजेपी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि ''मैं इस फैसले से खुश हूं. मैं भी इसकी वकालत कर रहा था. 

हाल ही में इस मामले की सुनवाई के दौरान केरल की सरकार ने कोर्ट को बताया था कि वो मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का समर्थन करते हैं. वहीं इससे पहले साल 2015 में केरल की सरकार ने महिलाओं के प्रवेश मामले पर अपनी हामी भरी थी लेकिन साल 2017 में उन्होंने इस पूरे मामले पर यू-टर्न ले लिया था. बता दें, केरल सरकार ने कभी इस मामले का समर्थन किया तो कभी विरोध. जिसपर कोर्ट ने केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि ''आप बदलते समय के साथ खुद बदल रहे हो'' 

गौरतलब है कि कोर्ट ने 13 अक्टूबर को इस पूरे मामले को एक संवैधानिक बेंच को रेफर कर दिया था. बता दें, कई लोग सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. 

Advertisement

Published September 28th, 2018 at 11:27 IST

आपकी आवाज. अब डायरेक्ट.

अपने विचार हमें भेजें, हम उन्हें प्रकाशित करेंगे। यह खंड मॉडरेट किया गया है।

Advertisement

न्यूज़रूम से लेटेस्ट

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Whatsapp logo