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Updated November 15th, 2018 at 21:02 IST

हुड्डा के बचाव में उतरी कांग्रेस, कहा- 'बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है खट्टर सरकार'

जमीन आवंटन मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के खिलाफ आरोपपत्र दायर करने की मंजूरी के बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला किया है.

Reported by: Ayush Sinha
| Image:self
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नेशनल हेराल्ड से जुड़ी कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को जमीन आवंटन मामले में हरियाणा के राज्यपाल ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और सीनियर कांग्रेसी नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. हुड्डा के खिलाफ आरोपपत्र दायर करने की मंजूरी के बाद एक बार फिर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सियासी जंग छिड़ गई है. इसे लेकर कांग्रेस ने प्रदेश की हुड्डा सरकार पर हमला किया है.

कांग्रेस ने हुड्डा सरकार पर आरोप लगाया है कि ये कार्रवाई सिर्फ बदले की भावना और साजिश के तहत की जा रही है.

कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया से बात करते हुए राज्य सरकार के खिलाफ खूब जहर उगला. इस दौरान सुरजेवाला ने बोला, 'थकी-हारी और औंधे मुंह गिरती खट्टर सरकार बदले की भावना से हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ विषैली और साजिशन कार्रवाई कर रही है. लेकिन वो ये जान लें कि उनकी साजिशें और उनकी विषैली राजनीति कभी कामयाब नहीं होगी'

साथ ही हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस मसले पर कहा, 'CBI ने राज्यपाल से मुकदमा दर्ज करने की इजाजत मांगी थी जिसे स्वीकृति मिल गई है. ये कानूनी प्रक्रिया है जो जांच में सामने आएगा तो कोर्ट कार्रवाई करेगी'.

दरअसल, हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने पंचकूला के एजेएल भूखंड आवंटन मामले में सीबीआई को हुड्डा के खिलाफ मामले को आगे बढ़ाने और आरोप पत्र दाखिल करने की अनुमति दी है. मौजूदा विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री होने की वजह से इस मामले में राज्यपाल की अनुमति के बाद ही सीबीआई आरोपपत्र दाखिल कर सकती थी. आरोपपत्र दायर करने की मंजूरी दिए जाने के बाद कांग्रेस हमलावर हो गई है. 

राज्यपाल की मंजूरी के बाद हुड्डा ने कहा, 'चुनाव नजदीक देख इस तरह की साजिशें रची जा रही हैं. पूर्व सीएम ने कहा कि ये मेरे खिलाफ एक राजनीतिक साजिश है. मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है. सब कुछ कानून के दायरे में रह कर किया है. मुझे न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है'. इस मामले की शुरुआत में ही हुड्डा ने आरोपों को खारिज किया था और इसे भाजपा सरकार की साजिश करार दिया था. 

बता दें, हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने 28 अगस्त 2005 को पद का दुरुपयोग करते हुए एजेएल को पंचकूला में जमीन का आवंटन बहाल कर दी थी. दरअसल ये जमीन एजेएल को 30 अगस्त 1982 में इस शर्त के साथ आवंटित की गई थी कि कंपनी छह महीने में जमीन पर निर्माण करेगी. लेकिन वर्ष 1992 तक उस पर कोई निर्माण कार्य नहीं किया गया. इसके बाद हुड्डा ने इस भूखंड को फिर से अपने कब्जे में ले लिया था.

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Published November 15th, 2018 at 21:02 IST

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