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Updated December 26th, 2018 at 19:44 IST

राम मंदिर पर घमासान जारी, पक्षकार महंत धर्मदास ने की CJI के खिलाफ महाभियोग लाने की मांग

पीएम मोदी, अमित शाह और राहुल गांधी को पत्र लिखकर राम मंदिर के पक्षकार महंत धर्मदास ने देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) खिलाफ महाभियोग लाने की मांग की है. 

Reported by: Ayush Sinha
| Image:self
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राम के नाम पर छिड़ा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. अयोध्या में राम जन्म भूमि पर राम मंदिर बनाने को लेकर देश के हर महकमे में हलचल बढ़ती जा रही है. इस बीच राम मंदिर के पक्षकार महंत धर्मदास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चिट्ठी लिखी है. और भारत के चीफ जस्टिस को हटाने की अपील की है.

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई में देरी और लंबी तारीख मिलने से नाराज़ संतो का गुस्सा अब सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के खिलाफ बढ़ता जा रहा है. पीएम को लिखे इस पत्र में महंत धर्मदास ने देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) खिलाफ महाभियोग लाने की मांग की है. 

निर्मोही अणि अखाड़े के महंत और राममंदिर के पक्षकार महंत धर्मदास ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी को चिट्टी लिख कर मांग की है कि वो सभी सांसदों से बात करके महाभियोग लाकर CJI को हटा कर इस पद पर किसी दूसरे को नियुक्त करें. ताकि मंदिर निर्माण पर जल्द से जल्द फैसला हो सके.

धर्म दास का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के जो चीफ जस्टिस है उनको इस केस में कोई दिलचस्पी नहीं है और नाही आगे वो इस पर कोई ठोस कदम उठा सकते है.

क्या होता है महाभियोग?

महाभियोग एक प्रक्रिया है. जिसके तहत राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट के जज या फिर हाईकोर्ट के जजों को उनके पद से हटाया जा सकता है. इसका इस्तेमाल करने के लिए पहले प्रस्ताव जारी करना पड़ता है.

कैसे आता है प्रस्ताव?

महाभियोग प्रस्ताव सिर्फ ऐसी स्थिति में लाया जा सकता है जब संविधान का उल्लंघन, विफलता या को बड़ी खामी साबित हो गई है. इस प्रस्ताव को सरकार संसद के दोनों सदनों में पेश करती है. जहां प्रस्ताव को मंजूरी मिलना जरूरी होता है.

इस प्रस्ताव को जारी करने के लिए लोकसभा में कम से कम 100 सांसद और राज्यसभा में कम से कम 50 सांसदों के सिग्नेचर जरूरी होते है. 

प्रस्ताव के जारी होने के बाद दोनों सदनों के स्पीकर पर निर्भर करता है कि वो इसे मंजूरी देते हैं या खारिज कर देते हैं. अगर सदन के अध्यक्ष इसे खारिज करते हैं तो तीन सदस्यों की एक समिति बनाकर आरोपों की जांच करवाई जाती है.

इस प्रस्ताव के तहत किसी भी जज को हटाने का अधिकार केवल राष्ट्रपति के पास है.

राम मंदिर निर्माण को लेकर हर कोई अपने-अपने तरीके से दंभ भरने का काम कर रहा है. अब ऐसे में इस बीच राममंदिर के पक्षकार ने पत्र के जरिए CJI रंज गोगोई को हटाने की है.

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Published December 26th, 2018 at 19:23 IST

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