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Updated February 14th, 2019 at 15:33 IST

दिल्ली HC का बड़ा फैसला: 1984 का सिख विरोधी दंगा मामले में 34 साल बाद सज्जन कुमार दोषी करार

दरअसल 1984 के दंगों में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को लेकर निचली अदालत ने अपने फैसले में बरी कर दिया था.

Reported by: Neeraj Chouhan
| Image:self
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साल 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के एक मामले में दिल्ली हाई ने एतिहासिक फैसला सुनाते हुए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी ठहराया है. इसके साथ ही सज्जन कुमार पर पांच लाख का जुर्माना लगाया.

बीजेपी नेता मुख़्तार अब्बास नकवी ने कहा कि देखिए 1984 दंगो के जो गुनहगार है उनको सजा मिलनी चाहिए, लेकिन अभी कई ऐसे गुनहगार है जो खुली हवा में घूम रहे है..

दूसरी ओर मनिंदर सिंह सिरसा ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस नेता सज्जन कुमार 1984 नरसंहार के मामले में दोषी क़रार सारी संगत को इस इंसाफ़ पर बधाई. 

बीजेपी नेता  राम माधव ने किया सिख विरोधी मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत

1984 में हुए सिख विरोधी दंगों को लेकर न्यायालय में काफी लंबे वक्त से मुकदमा, सुनवाई और अपील का दौर चलता आ रहा है. ऐसे में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार का नाम सामने आया था. दिल्ली हाईकोर्ट सज्जन कुमार को लेकर सोमवार को अपना फैसला सुनाएगी.

दरअसल 1984 के दंगों में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को लेकर निचली अदालत ने अपने फैसले में बरी कर दिया था. जिसके बाद अदालत के फैसले के खिलाफ CBI ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती याचिका दाखिल की थी. इस याचिका पर सोमवार को कोर्ट फैसला सुनाएगी.  

बता दें, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली कैंट के राज नगर में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या की गई थी. जिसमें सज्जन कुमार का नाम सामने आया था.

जस्टिस एस मुरलीधर और विनोद गोयल की एक पीठ ने सीबीआई, दंगा बचे हुए लोगों और अभियुक्तों द्वारा दायर अपीलों पर सुनवाई के तर्कों का निष्कर्ष निकाला था. नवंबर में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में हुए भयानक दंगे से संबंधित महत्वपूर्ण घटनाएं देखी गईं. जिनमें से अधिकतर सिख समुदाय से 3000 से अधिक लोग मारे गए थे.

20 नवंबर को दंगों में दो लोगों की हत्या के लिए यशपाल सिंह को इस मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी.
28 नवंबर को, दिल्ली हाई कोर्ट ने दंगों के मामलों में सत्र अदालत द्वारा अपने सजा के खिलाफ 88 से अधिक आरोपी लोगों द्वारा दायर 23 समीक्षा याचिकाओं को खारिज कर दिया था.
नवंबर में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की पहचान पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई में दंगों के मामले में चाम कौर नामक एक पीड़ित ने की थी.
कल आने वाले फैसले को लेकर रिपब्लिक टीवी से बात करते हुए 1984 के पीड़ित एचएस फुल्का और आत्मा सिंह के वकील अकाली दल नेता मांजिंदर सिरसा ने कहा सज्जन कुमार को दोषी पाया गया. पीड़ितों का कहना है कि 17 दिसंबर को आने वाले फैसले में वो न्याय की उम्मीद करते हैं.

मंजिंदर सिरसा ने कहा, "सज्जन कुमार पश्चिम दिल्ली और बाहरी दिल्ली में होने वाली सभी घटनाओं में मौजूद थे. एक बात साफ है कि कांग्रेस के सभी प्रमुख नेता वहां थे और हिंसा को बढ़ावा देने और निर्दोष लोगों की हत्या कराने में संलिप्त थे"

आत्मा सिंह से कहा, "सीबीआई ने मामला दर्ज कराया है. मैं निष्पक्ष फैसले की उम्मीद करता हूं क्योंकि सरकार बदल गई है और न्यायाधीशों का रवैया भी बदल गया है. ये हजारों सिखों की हत्या है, सिर्फ पांच ही नहीं.. सज्जन कुमार ने करीब 2 हजार लोगों की हत्या की है. वो एक अपराधी है"

दिल्ली पुलिस ने 1994 में ये केस बंद कर दिया था लेकिन नानावटी कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर 2005 में इस मामले में केस दर्ज किया गया.

2013 में निचली अदालत ने इस मामलें में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था. वहीं, सीबीआई ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को बरी करने के खिलाफ अपील की. जिसपर सोमवार को सुनवाई होने वाली है.
 

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Published December 17th, 2018 at 10:46 IST

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