Updated November 3rd, 2018 at 16:24 IST
CJI रंजन गोगोई ने केंद्र सरकार की कार्रवाई को बताया ऐतिहासिक
48 घंटे के भीतर सुप्रीम कोर्ट को चार न्यायाधीशों के शपथ ग्रहण समारोह को मंजूरी. CJI ने केंद्र सरकार के कार्रवाई को सराहा.
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भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सर्वोच्च न्यायालय में चार न्यायाधीशों की मंजूरी और शपथ ग्रहण पर केंद्र सरकार की प्रशंसा की है. जस्टिस हेमंत गुप्ता, आर सुभाष रेड्डी, एम आर शाह और अजय रास्तोगी ने शुक्रवार को यानी 2 नवंबर को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में शपथ ग्रहण किया.
इस मौके पर CJI रंजन गोगोई ने इसे लेकर केंद्र सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि आज देशभर के उच्च न्यायालयों के चार न्यायाधीशों ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में शपथ ली है. बता दें, 30 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों के रूप में केंद्र को चार नाम दिए थे. और 48 घंटों के भीतर, केंद्र ने नामों को मंजूरी दे दी, शुक्रवार को 4 न्यायाधीशों के शपथ ग्रहण के बाद सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या 24 से 28 हो गई.
CJI ने इसे बहुत तेज कार्रवाई बताया और इसकी सराहना की. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, SC कॉलेजियम ने नाम भेजा और महज़ 48 घंटे के भीतर सुप्रीम कोर्ट को चार न्यायाधीशों के शपथ ग्रहण समारोह को मंजूरी दे दी गई. केंद्र सरकार के कार्रवाई के इस गति को ऐतिहासिक करार दिया जा रहा है.
जस्टिस हेमंत गुप्ता, आर सुभाष रेड्डी, एमआर शाह और अजय रास्तोगी के शपथ ग्रहण के बाद शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की ताकत 28 हो गई. शपथ ग्रहण समारोह 10:30 बजे अदालत संख्या 1 में शुरू हुआ. सर्वोच्च न्यायालय और मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने चार न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई.
नए न्यायाधीशों का सफर
1). जस्टिस हेमंत गुप्ता- मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालय (मध्य प्रदेश)
2). जस्टिस आर सुभाष रेड्डी- मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालय (गुजरात)
3). जस्टिस एम आर शाह- मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालय (पटना)
4). जस्टिस अजय रास्तोगी- मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालय (त्रिपुरा)
बता दें, सर्वोच्च न्यायालय में 31 न्यायाधीशों की स्वीकृत है. इन चार नए न्यायाधीशों की उन्नति के साथ ही शक्ति 24 से 28 हो गई है.
न्यायमूर्ति गुप्ता को 2 जुलाई, 2002 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था, और 8 फरवरी, 2016 को उन्हें पटना उच्च न्यायालय की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी, जहां उन्हें 29 अक्टूबर, 2016 को कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था.
न्यायमूर्ति रेड्डी को 2 दिसंबर, 2002 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्हें 13 फरवरी, 2016 को गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था.
न्यायमूर्ति शाह को 7 मार्च, 2004 को गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था, और फिर उन्होंने पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी.
वहीं न्यायमूर्ति रास्तोगी को सितंबर 2004 में राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था और 1 मार्च, 2018 को त्रिपुरा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था.
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Published November 2nd, 2018 at 18:26 IST
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