Updated October 31st, 2019 at 20:59 IST
महाराष्ट्र: बीजेपी-शिवसेना में सरकार में हिस्सेदारी को लेकर जारी खींचतान पर क्या है अर्नब की राय
शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे समेत पार्टी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से यहां राजभवन में मुलाकात की।
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महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना भाई बनकर चुनाव लड़े, लेकिन जब बारी कुर्सी की आई तो महाभारत छिड़ गई। बीजेपी सीएम पद देने को तैयार नहीं है और शिवसेना सीएम की कुर्सी से कम पर राजी नहीं, सारी दोस्ती यारी हवा हो चुकी है। सत्ता के लिए तलवारें खिंच गई हैं, विधायक दल की बैठक के बाद शिवसेना ने राज्यपाल से मुलाकात कर राजनीति को और गर्मा दिया है।
शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे समेत पार्टी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से यहां राजभवन में मुलाकात की।
शिवसेना के एक नेता ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने असमय वर्षा से प्रभावित हुए किसानों के लिए तत्काल वित्तीय सहायता की मांग की। प्रतिनिधिमंडल में महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे भी शामिल थे, जिन्हें आज विधानसभा में पार्टी का नेता चुना गया है।
अर्नब की राय
महाराष्ट्र में सरकार को लेकर अभी भी स्थिति साफ नहीं है।शिवसेना और बीजेपी दोनों ही कह रही हैं कि सम्मान से समझौता नहीं करेंगे। अब ये साफ है कि। दोनों पार्टियों का सम्मान है। सीएम की कुर्सी। बीजेपी और शिवसेना दावा कर रही है कि दूसरी पार्टियों के विधायक उनके संपर्क में हैं। अगर आपके पास विधायक हैं तो बनाइए सरकार। धमकी किसे दे रहे हैं। अगर शिवसेना का सम्मान ये है कि उसे मुख्यमंत्री की कुर्सी मिले। तो बीजेपी देने को तैयार नहीं है। अगर बीजेपी का सम्मान ये है कि उसे सभी बड़े मंत्रालय मिले तो वो शिवसेना देने को तैयार नहीं है।फिर ये दुश्मनी के साथ। दोस्ती वाला नाटक क्यों। इसलिए आज पूछता है भारत।
शरद पवार से संजय राउत की मुलाकात
शिवसेना ने बीजेपी को एक और अल्टीमेटम देते हुए ये तक कह दिया कि कई पार्टियों के विधायक उसके संपर्क में हैं और रात होते-होते शिवसेना नेता संजय राउत खुद एनसीपी चीफ शरद पवार से मिलने पहुंच गए।
इधर शिवसेना की धुर विरोधी कांग्रेस भी बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए ईमान बेच शिवसेना के भी साथ आने को तैयार हो गई
बेशक कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से शिवसेना सरकार बना सकती है। इस पूरे सियासी माहौल के पीछे शिवसेना की रणनीति मुख्यमंत्री पद को लेकर दबाव कायम कर बदले में बड़े विभाग जैसे अहम महकमे अपने कब्जे में लेने की है। और आदित्य ठाकरे को डिप्टी सीएम बनाने की
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Published October 31st, 2019 at 20:59 IST
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