Updated September 8th, 2018 at 18:03 IST
VIDEO: 'फेवरेट टीचर' के ट्रांसफर पर बच्चों का रो-रो कर हुआ बुरा हाल, फिर धरने प्रदर्शनों में तब्दील हुआ स्कूल
लेकिन ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में गुरू शिष्य के रिश्ते के मायने भी बदल गए है, लेकिन तमिलनाडु की एक घटना ने फिर से साबित कर दिया कि छात्र और अध्यापक हमेशा एक दूसरे के पूरक रहेंगे.
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भारत का इतिहास जितना पुराना है उतना ही गुरू- शिष्य का रिश्ता गहरा है. पुराणिक कथाओं में हमें गुरू शिष्यों के मधुर रिश्ते से जुड़ी कई कहानियां मिलती हैं, जहां छात्रों के लिए गुरू का दर्जा मां बाप से कही ऊपर रहता था.
लेकिन ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में गुरू शिष्य के रिश्ते के मायने भी बदल गए है, लेकिन तमिलनाडु की एक घटना ने फिर से साबित कर दिया कि छात्र और अध्यापक हमेशा एक दूसरे के पूरक रहेंगे.
तमिलनाडू के तिरुवल्लूर के वेलियागराम के स्कूल में इंग्लिश पढ़ने वाले टीचर के दूसरे स्कूल में तबादले की खबर जैसे ही बच्चों में फैली, वहां सन्नाटा पसर गया और स्कूल के बच्चे आंदोलन पर उतर आए.
दरअसल यह मामला उत्तरी चेन्नई के तिरुवल्लूर के वेलियागराम के सरकारी हाईस्कूल का है. बुधवार को स्कूल में उस समय हड़कप मच गया जब यहां के छात्रों को इंग्लिश टीचर जी भगवान के तबादले के बारे में भनक लगी.
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जिसके बाद सभी कक्षाओं की करीब 100 छात्र और छात्रओं ने टीचर को पकड़ लिया और उनके तबादला रूकने के आदेश तक आंदोलन छेड़ दिया.
स्कूल के प्रिसींपल ए. अरविंदन ने बताया कि जैसे ही बच्चों को टीचर के तबादले के बारे में भनक लगी तो उन्होंने अपने माता- पिता को भी सूचित कर दिया, जिसके बाद स्कूल के पास अच्छी खासी भीड़ जमा हो गई और बच्चों और उनके माता पिता ने टीचर को रोकने का भरसक प्रयास किया. जिसके बाद स्कूल प्रशासन ने उच्च अधिकारियों से बात करके भगवान का तबादला 10 दिनों के लिए टलवा दिया .
हालांकि जब यह मुद्दा इलाके के विधायक के पास गया तो उन्होंने टीचर के ट्रांसफर की जरूरत का हवाला देकर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया .
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Published June 22nd, 2018 at 16:31 IST
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