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Updated March 19th, 2020 at 12:25 IST

वैदिक चित्रकार रामू रामदेव अपनी पेंटिंग के जरिये लोगों को कोरोना से बचने के लिए कर रहें है जागरूक

रामू के अनुसार इस चित्र के कांसेप्ट में सुरसा राक्षसी की तरहं कोरोना अपना मुंह खोले पृथ्वी को निगलने को कोशिश कर रहा है

Reported by: Amit Bhardwaj
| Image:self
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जयपुर:- कोरोना के प्रकोप से लोगों को बचाने के लिए केंद्र सरकार के साथ साथ सभी राज्यों के सरकारें भी लोगों को जागरूक करने में लगी है और इस दौरान विभिन प्रकार के तरीकों से प्रचार किया जा रहा है। इस कड़ी में नेशनल अवॉर्डी वैदिक चित्रकार जयपुर के रामू रामदेव ने भी देश और समाज के प्रति एक कलाकार की जिम्मेवारी को समझते हुए लोगों को कोरोना से बचाने के लिए कलात्मक पहल करते हुए एक मुहीम के जरिये संदेश देना शुरू किया है। लोगों को कोरोना से बचाने के लिए रामू ने खनिज एवं जल रंग से एक पेंटिंग तैयार की है जिसके ज़रिए लोगों को वह अपनी पेंटिंग में दर्शा रहे है कि हमारी संस्कृति में वो सब है जिससे कोरोना को देश से भगाया जा सकता है। रामू का कहना है कि लोगों को जागरूक करने के लिए उन्होंने जो पेंटिंग तैयार की है उसमें रामायण के समय के एक राक्षस के पात्र को जोड़ कर एक कहानी को दर्शाया है।


रामू के अनुसार इस चित्र के कांसेप्ट में सुरसा राक्षसी की तरहं कोरोना अपना मुंह खोले पृथ्वी को निगलने को कोशिश कर रहा है और उस राक्षसी के मुख के आगे भारत का नक्शा भी दिखाई पड़ रहा है। रामू का कहना है कि इस चित्र में उन्होंने दर्शाने की कोशिश की है कि  कोरोना के सुरसा रूपी वायरस मुख को हम भारत की संस्कृति, हमारे योग, ऋषियों के तप एवं आयुर्वेद के दम इसे पूरी तरहं हरा कर ध्वस्त कर सकते है। चित्र के बीच के स्थान पर नमस्कार की मुद्रा में हाथों पर तिरंगे के तीनों रंगो को दर्शाया गया है और संदेश दिया जा रहा है कि लोग हाथ मिलाने की बजाए एक दुसरे को नमस्कार करने का आग्रह करें। 


रामू के अनुसार चित्र में हाथों से गिरता हुआ जल हाथों को बार बार धोकर उन्हें स्वच्छ रखने के लिए प्ररित करत है। चित्र में भारत भूमि के मस्तक पर योग की मुद्रा में ऋषिमुनी विरजमान है और पृथ्वी पर आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां लहलहा रही है। रमु रामदेव का कहना है कि अगर इस चित्र को समझ और इससे प्ररित हो हम उन तमाम चीजों को अपना ले जो कि हमारी संस्कृति में ही हैं जैसे नमस्कार करना, योग को जीवन में लाना, आयुर्वेद में बारे गई जड़ी बूटियों का रोज़ाना सेवन करना और हमारी संस्कृति से जुड़े हुए सभी स्वछता के पाठ को हम अपनी जीवनशैली अपना लें तो निशित ही भारत में यह महामारी दम तोड़ देगी।     

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Published March 19th, 2020 at 12:24 IST

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