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Updated July 29th, 2019 at 08:36 IST

उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता की कार को ट्रक ने कुचला, एक्सिडेंट में चाची और एक अन्य रिश्तेदार की मौत , पीड़िता व वकील गंभीर रूप से घायल

उन्नाव गैंगरेप केस में पीड़ित के चाचा जेल में बंद हैं। चाचा से मिलने के लिए पीड़िता, उसकी मां, चाची और वकील रायबरेली जेल जा रहे थे।

Reported by: Amit Bajpayee
| Image:self
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भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़िता की गाड़ी रविवार को ट्रक ने तेज टक्कर मार दी।  इस घटना में पीड़िता की चाची और एक अन्य रिश्तेदार की मौत हो गई, जबकि पीड़िता और उनके साथ रहे एडवोकेट विमल कुमार यादव, एडवोकेट महेंद्र सिंह दुर्घटना में घायल हो गए है। इस दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल पीड़िता को रायबरेली से लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर किया गया है। यह जोरदार हादसा गुरुबक्शगंज थाना क्षेत्र में रायबरेली - बांदा हाईवे पर सुल्तानपुर खेड़ा मोड़ के पास हुआ ।  


जानकारी के अनुसार उन्नाव गैंगरेप केस में पीड़ित के चाचा जेल में बंद हैं। चाचा से मिलने के लिए पीड़िता, उसकी मां, चाची और वकील रायबरेली जेल जा रहे थे। इसी दौरान एक ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी। इसमें तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे इतना जोरदार था कि स्विफ्ट डिजायर कार के परखच्चे उड़ गए।  

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची । पुलिस ने घायलो कों तुरंत अस्पताल पहुंचाया। इसी बीच समजावादी पार्टी के एमएलसी और सुनील साजन गंभीर रूप घायल रेप पीड़िता से मिलने पहुंचे।

जानकारी के अनुसार पुलिस ने ट्रक ड्राइवर और मालिक को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं इस घटना को लेकर समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारीक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर घटना की CBI जांच की मांग की। ट्वीट कर लिखा गया कि ''रायबरेली में उन्नाव रेप पीड़िता के परिजनों की सड़क हादसे में मृत्यु हृदयघाती घटना।शोकाकुल परिवार के प्रति पूर्ण संवेदना! घायल पीड़िता के हर संभव उपचार एवं सुरक्षा सुनिश्चित करें डी॰एम॰ रायबरेली।मामले की CBI जाँच एवं मुआवज़े का हो एलान।

बता दें उन्नाव में चर्चित गैंगरेप कांड की पीड़िता परिवार का आरोप है कि उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सेंगर ने उसके साथ 4 जून, 2017 को अपने आवास पर दुष्कर्म किया, जहां वह अपने एक रिश्तेदार के साथ नौकरी मांगने के लिए गई थी।

बीजेपी विधायक कुलदीप के खिलाफ दायर केस में धारा 363, 366, 376, 506 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। शासन ने इस आदेश में इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा की थी, जिसे एजेंसी ने स्वीकार कर लिया था।

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Published July 28th, 2019 at 20:37 IST

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