Updated February 4th, 2019 at 22:09 IST
मोदी सरकार की बड़ी कामयाबी, ब्रिटेन के गृह सचिव ने माल्या के प्रत्यर्णण को दी मंजूरी
ब्रिटिश सरकार ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है । ब्रिटेन सरकार के इस फैसले को भारत की कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है.
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बैंकों से करोडो रुपये की धोखाधड़ी कर भागे भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत लाने में एक बड़ी कामयाबी मिली है। दरअसल, ब्रिटिश सरकार ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है । ब्रिटेन सरकार के इस फैसले को भारत की कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है।
आपको बता दें कि किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमुख रहे भगौड़े विजय माल्या भारत छोड़कर लंदन भाग गया था । जानकारी के अनुसार विजय माल्या ने अपनी सारी काली कमाई स्विट्जरलैंड के बैंकों पर रखा हुआ था । अब स्विट्जरलैंड के बैंक उनके अकाउंट की सारी जानकारी भारत सरकार के साथ शेयर करगें ।
वहीं यूके होम ऑफिस की ओर से बताया गया है कि विजय माल्य औपचारिक रूप से अभी अपील कर सकते हैं। अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने के लिए माल्या के पास 14 दिनों का समय है ।
बता दें 18 अप्रैल 2016 को गैर जमानती वारंट जारी किया गया था हालांकि वह इससे पहले मार्च के महीने में ही देश छोड़कर फरार हो गया था। कुछ दिन पहले ही भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को जैसे अपने खिलाफ ऐक्शन का आभास हो गया था। उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा कि उनकी कंपनी की 13,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। माल्या ने दावा किया था कि उसे कर्ज देने वाले बैंक ने इंग्लैंड में अपने वकीलों को उसके खिलाफ छोटे-मोटे मामले दर्ज करने की खुली छूट दी हुई है।
याद दिला दें लंदन की वेस्टमिंस्टर अदालत दिसंबर में विजय माल्या के प्रत्यर्पण की मंजूरी दे चुकी है। वहां की सरकार इस पर आखिरी फैसला लेगी। माल्या को प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ अपील का अधिकार होगा। माल्या पर भारतीय बैंकों का 9000 करोड़ रुपए का लोन बकाया है। मार्च 2016 में वह लंदन भाग गया था। पिछले महीने मुंबई की विशेष अदालत ने उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के तहत पहला भगोड़ा घोषित किया था।
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Published February 4th, 2019 at 22:05 IST
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