Updated May 7th, 2021 at 16:11 IST
बारिश देवता को खुश करने के लिए दो मेंढकों की कराई शादी, VIDEO में देखें वरमाला और सिंदूर भरने की रस्में
पश्चिम त्रिपुरा में आदिवासी चाय बागान के वर्कर्स ने हाल ही में बारिश के देवता इंद्र को खुश करने के लिए दो मेंढकों की हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार शादी करवाई है।
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पश्चिम त्रिपुरा में आदिवासी चाय बागान के वर्कर्स ने हाल ही में बारिश के देवता इंद्र को खुश करने के लिए दो मेंढकों की हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार शादी करवाई है। एएनआई के अनुसार, त्रिपुरा के गांव ने एक शादी समारोह का आयोजन किया था जिसे पारंपरिक रूप से ‘बैंगर बिये’ (मेंढक की शादी) कहते हैं। नदी में डुबकी लगाने और पारंपरिक कपड़े पहने दोनों मेंढकों ने शादी की।
ग्रामीणों का मानना है कि शादी की रस्म उनके चाय के बाग को सूखे की स्थिति से बचाएगी। दोनों मेंढकों को शादी की सारी रस्में निभाते हुए देखा गया था जिसमें वह तालाब या नदी में स्नान करते हैं, नए कपड़े पहनते हैं, एक-दूसरे को वरमाला पहनाते हैं और यहां तक कि दूल्हा मेंढक, दुल्हन मेंढकी की मांग में सिंदूर भी भरता है। समाचार एजेंसी द्वारा अपलोड किए गए एक वीडियो में ये रस्में देखी जा सकती हैं।
उन्होंने वीडियो के साथ कैप्शन में बताया कि “यह अलौकिक रिवाज इसलिए निभाया जाता है क्योंकि वर्कर्स का मानना है कि यह हिंदू बारिश देवता- भगवान इंद्र को खुश करेगा और बारिश लेकर आएगा जो उनके चाय बागान को सूखे की स्थिति से बचाएगा।”
भारत में मेंढक की शादियां
इस बीच, यह असामान्य दृश्य भारत के लिए नया नहीं है। 2019 में, कर्नाटक के उडुपी में भी बारिश देवता को खुश करने के लिए दो मेंढकों की शादी कराई गई थी। कर्नाटक में, अनुष्ठान को 'मंडूक परण्या' कहा जाता है और इसे उडुपी नागरिका वेदिके या उडुपी नागरिक मंच (यूसीएफ) द्वारा प्रदर्शित किया गया था। मेंढकों को उनकी शादी के लिए कस्टम मेड आउटफिट पहनाया गया और समारोह हिंदू परंपराओं के अनुसार किया गया था।
इसी तरह 2018 में भी, असम के मूल निवासियों ने एक शादी समारोह किया था जिसमें महिला मेंढक को बिठाकर उसके शरीर पर तेल लगाया गया था। असम में ‘बेखुली ब्याह’ के रूप में इस रिवाज को जाना जाता है। सामूहिक भोज, संगीत और नृत्य इस अनुष्ठान का हिस्सा है।
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Published May 7th, 2021 at 16:03 IST
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