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Updated February 9th, 2019 at 16:10 IST

ट्विटर के CEO जैक डॉर्सी ने संसदीय समिति के सामने पेश होने से किया इनकार

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों की प्राइवेसी पॉलिसी लिए ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी और शीर्ष अधिकारीयों ने संसदीय समिति के समक्ष उपस्थित होने से इनकार कर दिया है । 

Reported by: Amit Bajpayee
| Image:self
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों की प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी और शीर्ष अधिकारीयों ने संसदीय समिति के समक्ष उपस्थित होने से इनकार कर दिया है । सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के मुद्दे पर उन्हें तलब किया था।  

 

भारतीय जनता पार्टी के सांसद अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता वाली सूचना-प्रौद्योगिकी से जुड़ी संसदीय समिति ने एक फरवरी को ट्विटर सीईओ के लिए समन जारी किया था । संसदीय समिति की बैठक 7 फरवरी को होने वाली थी , लेकिन इसे ट्वीटर के सीईओ ने टाल दिया । लेकिन बाद में ट्विटर के सीईओ और वरिष्ठ अधिकारियों के कारण इसे 11 फरवरी को स्थगितित कर दिया गया । लेकिन बाद में उन्होंने सदन के सामने उपस्थित होने से इनकार कर दिया ।


जानकारी के अनुसार ट्विटर के सीईओ और अधिकारियों ने पहले तो टालमटोल की लेकिन बाद में  'सुनवाई के संक्षिप्त नोटिस' का हवाला देकर समिति के सामने पेश होने से इनकार किया है, जबकि उन्हें यहां पहुंचने के लिए 10 दिन का लंबा समय दिया गया था । बताया जा रहा है कि 1 फरवरी को संसदीय आईटी समिति द्वारा ट्विटर को भेजे गए पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि 'संगठन के प्रमुख को समिति के समक्ष उपस्थित होना है। वह एक अन्य प्रतिनिधि के साथ हो सकता है। ट्वीटर ने समिति के सामने उपस्थित होने के लिए ऐसे समय में इनकार किया है, जब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से नागरिकों की डेटा गोपनीयता और चुनाव हस्तक्षेप में सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं।


दरअसल , भारत में राजनीतिक भेदभाव करने के आरोप का सामना कर रहे ट्वीटर ने शुक्रवार को इसपर स्पष्टीकरण दिया। इसपर अपनी  प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीटर इंडिया ने कहा कि सभी यूजर्स को एक जैसा मानने और एक जैसे नियम लागू करने में विश्वास करने वाली माइक्रोब्लॉगिंग साइट राजनीतिक विचारों के आधार पर अकाउंट ब्लॉक करने जैसे कदम नहीं उठाती है। 


राजनीतिक भेदभव करने के आरो में 11 फरवरी को ट्विटर आईटी स्टैंडिंग कमिटी के सामने अपना पक्ष रखना था। ट्विटर पर सत्तारूढ़ बीजेपी के समर्थकों ने आरोप लगाए थे कि यह दक्षिणपंथी विचारों के खिलाफ एक्शन लेता है और जानबूझकर एक विचार धारा वाले लोगों के अकाउंट ब्लॉक कर रहा है, जो भाजपा या राइट विंग से जुड़े हैं। ट्विटर इंडिया के ऑफिस के सामने भी 'यूथ फॉर सोशल मीडिया डेमोक्रेसी' संगठन के लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया था।


 

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Published February 9th, 2019 at 16:00 IST

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