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Updated March 21st, 2019 at 13:16 IST

प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार के खिलाफ उगला ज़हर, पूछा- 'नीरव को भगाया किसने था?'

केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने ब्रिटेन सरकार से नीरव को पिछले साल अगस्त में प्रत्यर्पण के जरिये भारत भेजने के लिये कहा था।

Reported by: Ayush Sinha
| Image:self
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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कारोबारी नीरव मोदी की लंदन में गिरफ्तारी का श्रेय ले रही भारतीय जनता पार्टी पर तंज करते हुए कहा कि वाहवाही लूटने की कोशिश करने वालों को यह बताना चाहिये कि उस भगोड़े हीरा व्यवसायी को 'जाने किसने दिया था?' 

प्रियंका ने प्रदेश के अपने तीन दिवसीय दौरे के अंतिम दिन बुधवार शाम को चंदौली में संवाददाताओं से बातचीत में एक सवाल पर कहा कि भाजपा सरकार को पहले यह बताना चाहिये कि नीरव मोदी को देश से भगाया किसने था? 

चंदौली जिले के निवासी शहीद सीआरपीएफ जवान अवधेश यादव के परिवार से मुलाकात के दौरान संवाददाताओं ने प्रियंका से सवाल पूछा था कि भाजपा और उसकी केंद्र सरकार नीरव की गिरफ्तारी का श्रेय ले रही है। जवाब में उन्होंने कहा 'यह अचीवमेंट है? (नीरव को) जाने किसने दिया था?' 

पंजाब नेशनल बैंक से 13 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी के मामले में 48 वर्षीय हीरा कारोबारी नीरव मोदी का नाम सामने आया था। बाद में वह लंदन चले गया गया था। उसे मंगलवार को लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया। उसे 29 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है। नीरव मोदी सिर्फ इकलौता नहीं है... इसके साथ भाई, पत्नी, कारोबारी साझेदार ने भी घोटाले किए हैं। 

इसे भी पढ़ें - लंदन में नीरव मोदी के गिरफ्तारी पर बोले कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, 'सरकार इलेक्शन के बाद फिर छोड़ देगी'

केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने ब्रिटेन सरकार से नीरव को पिछले साल अगस्त में प्रत्यर्पण के जरिये भारत भेजने के लिये कहा था। केंद्रीय मंत्रियों हरदीप सिंह पुरी और रविशंकर प्रसाद ने नीरव की गिरफ्तारी को मोदी सरकार की उपलब्धि करार दिया था।

केंद्रीय मंत्रियों हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट कर कहा था 'आप भाग सकते हो, लेकिन देश के चौकीदार से छुप नहीं सकते।'

गौरतलब है कि हिंदुस्तान के करोड़ों लोगों की जेब पर डाका डालने वाला, देश के खजाने पर सेंधमारी वाला, भारत में रहकर करोड़ों रुपये पर हाथ साफ कर रफ्फू चक्कर हो जाने वाला भगोड़ा नीरव मोदी अब लंदन में कानून के शिकंजे में है। इस बड़ी कामयाबी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा सकता है।

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Published March 21st, 2019 at 13:10 IST

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