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Updated February 21st, 2019 at 15:31 IST

सुनंदा पुष्कर मौत मामले में थरूर के खिलाफ सुनवाई 7 मार्च तक स्थगित

पूर्व केंद्रीय मंत्री और पुष्कर के पति थरूर पर आईपीसी की धारा 498 ए (पति या उसके रिश्तेदार द्वारा महिला से क्रूरता) के तहत आरोप लगाया गया था लेकिन मामले में उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया।

Reported by: Amit Bajpayee
| Image:self
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नयी दिल्ली - दिल्ली की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस नेता शशि थरूर के खिलाफ सुनंदा पुष्कर मौत मामले में सुनवाई सात मार्च तक के लिए स्थगित कर दी ।

जानकारी के अनुसार विशेष न्यायाधीश अरूण भारद्वाज ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी । सुनवाई के दौरान थरूर ने बहरीन और कतर जाने के लिए एक याचिका दायर की । अदालत ने उनकी याचिका पर दिल्ली पुलिस को कल तक जवाब देने को कहा है।

अदालत ने चार फरवरी को आगे की सुनवाई के लिए मामला सत्र अदालत के पास भेज दिया था क्योंकि भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) के तहत अपराध के मामले की सुनवाई सत्र न्यायाधीश करते हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और पुष्कर के पति थरूर पर आईपीसी की धारा 498 ए (पति या उसके रिश्तेदार द्वारा महिला से क्रूरता) के तहत आरोप लगाया गया था लेकिन मामले में उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया।

सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी 2014 की रात शहर के एक लक्जरी होटल के कमरे में मृत पायी गयी थीं । उस वक्त थरूर के बंगले में मरम्मत का कुछ काम चल रहा था इसलिए दोनों होटल में ठहरे हुए थे । 

सुनंदा पुष्कर मौत मामला

17 जनवरी 2014 को दिल्ली के होटल से मिली लाश
पहले मौत को खुदकुशी माना गया
शशि थरूर आरोपी 
पुलिस थरूर से पूछताछ कर चुकी है
कोर्ट ने थरूर को आरोपी माना है
आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप
दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दायर की
3000 पन्नों की चार्जशीट 

पुष्कर 17 जनवरी 2014 को शहर में एक लग्जरी होटल के सुइट में मृत मिली थीं। थरूर का आधिकारिक बंगले की मरम्मत का काम चल रहा था जिसकी वजह से दंपति होटल में रह रहे थे।

इस अपराध के तहत अधिकतम 10 वर्ष की सजा का प्रावधान है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और सुनंदा पुष्कर के पति थरूर पर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 498-ए और 306 के तहत आरोप तय किए गए लेकिन मामले में उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है।

हालांकि भूतपूर्व में शशि थरूर ने खुद को निर्दोष बताते हुए सफाई दी थी। उन्होंने थरूर ने एक बयान में कहा कि उनका दृढ़ विश्पास है कि अंतत : न्यायिक प्रणाली के जरिए सच सामने आएगा। उन्होंने कहा था, ‘‘मैं अपनी स्थिति दोहराना चाहूंगा कि आरोप निरर्थक और निराधार हैं तथा ये दुर्भावनापूर्ण और प्रतिशोध की भावना से प्रेरित हैं।’’ 
 

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Published February 21st, 2019 at 15:31 IST

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