Advertisement

Updated October 6th, 2018 at 16:42 IST

EXCLUSIVE I इस देश में अगर महिलाओं को परेशान करना हो, तो फिर उसे अदालत घसीट लो- तनुश्री दत्ता

स मुद्दे पर बॉलीवुड दो धड़ों में बट गया है.  इस पूरे मामले पर तनुश्री दत्ता ने एक ओपन लेटर भी लिखा था

Reported by: Neeraj Chouhan
| Image:self
Advertisement

तनुश्री दत्ता-नाना पाटेकर विवाद ने बॉलीवुड जगत में तूफान ला दिया है . करीब 10 साल बाद अमेरिका से वापस वतन लौटी एक्टर्स ने हाल ही में नाना पाटेकर पर कथित यौन शोषण के आरोप लगाए थे.  तनुश्री दत्ता ने नाना पाटेकर पर साल 2008 में "हॉर्न ओके प्लीज" फिल्म के सेट पर 'छेड़छाड़' का आरोप लगाया है. जिसके बाद नाना पाटेकर के वकील द्वारा तनु को कानूनी नोटिस देने की बात सामने आई है.  

 रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी के साथ एक विशेष बातचीत में, तनुश्री दत्ता ने 2008 में 'हॉर्न ओके प्लीज' के सेट पर हुई घटना के बारे में काफी समय से बात की और कहा, "कोई भी अपने दिमाग में खुद  नहीं डालेगा कि मैं किसी दौर से गुजर रही हूं कि मुझे कानूनी नोटिस थमा दिया गया . जो मुझे मॉब हिंसा, कानूनी धमकी दी गई.  

उन्होंने भारत के न्याय प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि मैं अच्छी तरह से जानती हूं हमारे देश की कानूनी व्यवस्था को, जिस तरह का हमारे देश की न्याय प्रणाली है उस तरह की न्याय प्रणाली में कोई भी नहीं फंसना चाहेगा. पीड़िता होने के नाते, कोर्ट में केस सालों साल चलते हैं. इस देश में, यदि आप किसी महिला को परेशान करना चाहते हैं और किसी महिला को फिर से परेशान करना चाहते हैं, तो आप उसे अदालत में खींचें और ऐसे मामले वर्षों कोर्ट में सालों तक चलेंगे फिर मामला विचारधीन हो जाएगा.  मीडिया को चुप रहना होगा, मुझे चुप रहना होगा, हर किसी को मुंह बंद रखना होगा और अदालत में विचारधीन मामला चलता रहेगा और चलता रहेगा.  इससे मुझे नुकसान होता है क्योंकि मैं यहां नहीं रहती अब मैं इस देश में क्यों आना चाहूंगी और इन सब में उलझ जाऊंगी? मेरे खिलाफ पिछले दस सालों से आपत्तिजनक कैंपेन चलाए गए. 

बता दें, फिल्म इंडस्ट्री के लोग तनुश्री दत्ता के समर्थन में आ चुके हैं., लेकिन दूसरी तरफ अमिताभ बच्चन, आमिर खान, सलमान खान और कल्कि कोचलिन जैसे कई जाने माने अभिनेता ने इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं.

इस मुद्दे पर बॉलीवुड दो धड़ों में बट गया है.  इस पूरे मामले पर तनुश्री दत्ता ने एक ओपन लेटर भी लिखा था. उन्होंने कहा है कि, 'अनगिनत लोग उत्पीड़न का सामना करते हैं क्योंकि कोई भी इसपर बात नहीं करता और अगर कोई करता भी है तो वो एक केस फाइल की तरह खुलता है और बंद हो जाता है.. बहस पर चर्चा की जाती है लेकिन कभी भी सही निष्कर्ष नहीं निकल पाता है.'

Advertisement

Published October 6th, 2018 at 12:47 IST

आपकी आवाज. अब डायरेक्ट.

अपने विचार हमें भेजें, हम उन्हें प्रकाशित करेंगे। यह खंड मॉडरेट किया गया है।

Advertisement

न्यूज़रूम से लेटेस्ट

4 घंटे पहलेे
1 दिन पहलेे
1 दिन पहलेे
2 दिन पहलेे
2 दिन पहलेे
4 दिन पहलेे
4 दिन पहलेे
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Whatsapp logo