Updated June 26th, 2019 at 18:13 IST
बिहार में बच्चों की मौत से हाहाकार, तो डिप्टी CM सुशील मोदी को ब्यूटी कॉन्टेस्ट विजेता से मिलने पर उठे सवाल
सुशील मोदी के पास बच्चों की सुध लेने का वक्त नहीं है..ना ही उन परिवारों से मिलने का जिनके घर के चिराग बुझ गए।
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बिहार में रोज इंसेफेलाइटिस से मासूम दम तोड़ रहे हैं। हाहाकार मचा है लेकिन बिहार के मंत्रियों और नेताओं को इस त्रासदी से कोई फर्क नहीं पड़ता। उनके लिए इन गरीब बच्चों की मौत बेमानी है। सीएम नीतीश मासूमों की मौत पर मौन धारण किए हुए हैं और डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी फोटोशूट में व्यस्त हैं।
सुशील मोदी के पास बच्चों की सुध लेने का वक्त नहीं है..ना ही उन परिवारों से मिलने का जिनके घर के चिराग बुझ गए। मंत्री जी तो मस्त हैं मानो कुछ हुआ ही नहीं हो। सुशील मोदी तो मिस इंडिया के साथ फोटोशोटू में व्यस्त हैं। सुशील मोदी ने मिस इंडिया यूनाइटेड कॉन्टिनेंट्स 2019 श्रेया शंकर से मुलाकात की और फोटो खिंचवाई। उसके बाद खुद इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर भी किया।
इन तस्वीरों को देखकर आपको भी गुस्सा आएगा। आप ये सोचने को मजबूर हो जाएंगे कि वाकई इन नेताओं के अंदर रत्ती भर भी संवेदना नहीं बची है।
ये वही सुशील मोदी हैं जिन्होंने पांच दिन पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बच्चों की मौत के सवाल पर बात करने से इनकार कर दिया था। मंत्रीजी के पास बच्चों की मौत पर बात करने के लिए वक्त नहीं था। लेकिन मिस इंडिया के साथ फोटो खिंचवाने और तस्वीरों को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए समय है।
आज संसद में प्रधानमंत्री ने बिहार में बच्चों की मौत पर दुख जताते हुए इसे शर्मनाक बताया। पीएम मोदी ने कहा कि ये पिछले सात दशकों में हमारी एक बड़ी विफलता है। इतनी बड़ी तादाद में बच्चों की मौत को पीएम मोदी शर्मनाक बता रहे हैं लेकिन बिहार सरकार को ना तो इन गरीब बच्चों की मौत का अफसोस है और ना ही अपनी नाकामी का।
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Published June 26th, 2019 at 17:46 IST
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