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Updated September 13th, 2018 at 10:24 IST

केरल नन रेप केस: MLA पीसी जॉर्ज बोले, नहीं करना चाहिए था नन के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल..

बता दें, जुलाई में, नन ने पंजाब के जलंधर स्थित बिशप के खिलाफ बलात्कार और यौन हमले की शिकायत दर्ज कराई थी

Reported by: Neeraj Chouhan
| Image:self
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एक रोमन कैथोलिक चर्च के बिशप के खिलाफ एक नन द्वारा दायर बलात्कार की शिकायत करने को लेकर विवादित बयान देने वाले निर्दलिय विधायक पीसी जॉर्ज ने अब अपनी टिप्पणी पर खेद जताते हुए कहा है कि उन्हें नन के खिलाफ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था. 

हालांकि वो अपने पुराने बयान पर कामय रहे. केरल राज्य के कोट्टायम जिले के पुंजर निर्वाचन क्षेत्र के एक निर्दलीय विधायक जॉर्ज ने कहा, "मैं नन के व्यवहार के खिलाफ हूं. मेरे अनुसार, वह नन नहीं है .. किसी भी महिला को वेश्या के रूप में संदर्भित करने गलत है. मुझे इस तरह के एक शब्द का उपयोग नहीं करना चाहिए था. लेकिन मैं दृढ़ता से उस बयान से खड़ा हूं जो मैंने उस महिला के बारे में कहा था, यह एक तथ्य है .. मैं उसके व्यवहार के खिलाफ दृढ़ता से हूं. उसका व्यवहार ईसाई की तरह नहीं है. "

क्या था विवादित बयान..

गौरतलब है कि बीते हफ्ते नन रेप मामले में प्रतिक्रिया देते हुए उस वक्त विवाद खड़ा कर दिया था जब उन्होंने कहा था कि किसी को भी संदेह नहीं है कि नन एक वेश्या है. 12 बार उसने एंजॉय किया तो 13वीं बार यह रेप कैसे हो गया?'

विधायक के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया

जिस पर तमाम समाजिक संगठन और राजनीतिक दल ने कड़ी अपत्ति जताई थी. सीपीएम नेता सुभाषिनी अली नेनन ने संगठन के प्रमुख (बिशप) के खिलाफ ऐसे आरोप बनाने में साहस दिखाया. लेकिन सार्वजिनक जीवन में रहने वाले व्यक्ति ( पीसी जॉर्ज)  द्वारा नन के लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करना भयानक है.

क्या था मामला

बता दें, जुलाई में, नन ने पंजाब के जलंधर स्थित बिशप के खिलाफ बलात्कार और यौन हमले की शिकायत दर्ज कराई थी. उनका आरोप था कि बिशप अक्सर आधिकारिक काम के लिए केरल जाते थे, जिसके दौरान उन्होंने कथित रूप से कई अवसरों पर बलात्कार किया था. लेकिन इस मामले ने उस वक्त तूल पकड़ा जब मीडिया ने इसे जोरों शरों से उठाया, सार्वजनिक दबाव के तहत एक जांच शुरू की गई. 

आरोपी बिशप फ्रैंको ने क्या दी सफाई..

फ्रैंको ने कहा, ''पुलिस ने मेरे साथ 9 घंटे बैठकर बयान लिया.. पुलिस ने उनका भी बयान लिया है.. अब पुलिस कौन सच बोल रहा है कौन झूठ इस मामले की जांच कर रही है..''

इसके साथ ही आरोपी बिशप फ्रैंको ने कहा, ''मैंने सुना है कि वो लोग प्रोटेस्ट कर रहे हैं उन्हें प्रोटेस्ट करने का पूरा अधिकार है.. उसके ऊपर मैं कुछ बोल नहीं सकता..मैं तो अभी पंजाब में बैठा हूं केरल में क्या हो रहा है कैसे हो रहा है मेरे को नहीं मालूम.. मेरे फेवर में कोई खड़ा है कोई नहीं खड़ा है उसके बारे में भी मुझे नहीं पता..जो बात भी हो रही है उसपर लोग पक्ष ले रहे होंगे.'' 

पुलिस के एफिडेविट में क्या? 

रिपब्लिक टीवी के हाथ इस मामले में केरल पुलिस के उच्च अधिकारी द्वारा उच्च न्यायालय में प्रस्तुत किए गए 8 पेज के हल्फनामे की कॉपी लगी है. हाई कोर्ट में 13 अगस्त को प्रस्तुत किए गए दस्तावेज से पता चलता है कि शुरुआती जांच में बिशप फ्रैंको द्वारा नन का बलात्कार किया गया था.

हलफनामे  में इस बातों का प्रमुखता से जिक्र किया गया है...

शिकायतकर्ता द्वारा बताई गई बलात्कार की तारीख और जगह मिशन घर के विजिटर रजिस्टर के हिसाब से मिलती है. 

डॉक्टरों की रिपोर्ट में कहा गया है कि नन का यौन उत्पीड़न हुआ है . 

यीशु मिशनरी की सदस्य सिस्टर अनुपमा ने अपने पिता को संकेत देते हुए कहा था कि उसकी जान को खतरा है और यदि उसे कुछ भी होता है तो इसके जिम्मेदार बिशप बिशप फ्रैंको मुलक्कल होंगे"

"164 सीआरपीसी के तहस लिए गए बयान की प्रमाणित कॉपी पर नजर डालने पर पता चलता है क बिशप ने पीड़ित के साथ उसकी मर्जी के खिलाफ जाकर कई बार जबरदस्ती संबंध बनाए गए थे"

 

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Published September 13th, 2018 at 10:24 IST

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