Advertisement

Updated June 13th, 2019 at 17:55 IST

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना का बड़ा दाव, संजय राउत बोले- 'आदित्य ठाकरे बनें CM'

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होने के लिए शिवसेना ने सारे घोड़े खोल दिए हैं। महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना को मोदी लहर का जबर्दस्त फायदा मिला था।

Reported by: Neeraj Chouhan
| Image:self
Advertisement

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर शिवसेना अभी से दबाव बनाने में जुट गई है। शिवसेना ने मांग की है कि महाराष्ट्र में एनडीए की सरकार बनने पर आदित्य ठाकरे मुख्यमंत्री बनें, जबकि,  बीजेपी पहले ही कह चुकी है कि दोनों दल साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे और मुख्यमंत्री का फैसला उसके बाद होगा।

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होने के लिए शिवसेना ने सारे घोड़े खोल दिए हैं। महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना को मोदी लहर का जबर्दस्त फायदा मिला था। ऐसे में शिवसेना को लगने लगा है कि राज्य में अगली सरकार एनडीए की ही बनेगी और एनडीए की सरकार बनना तय है। तो क्यों ना मुख्यमंत्री की कुर्सी पर अभी से दावा ठोक दिया जाए कि शिवसेना ने इसके लिए उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे का नाम आगे बढ़ाया है।

संजय राउत ने कहा कि आदित्य ठाकरे को सूबे का नया मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। अब युवा शख्स को राज्य के नेतृत्व की कमान मिलनी चाहिए

शिनवसेना नेता मनोहर जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के सारे गुण उनमें है। दादर से मैं चुनकर आया, मैं चाहता हूं कि वो दादर से ही चुनाव लड़े।

दरअसल, पिछले एक हफ्ते में शिवसेना का इस तरह का दूसरा बयान है। इससे पहले, शिवसेना ने कहा था कि अगले विधानसभा चुनाव के बाद ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बने यानी एनडीए सत्ता में आती है तो ढाई साल बीजेपी का और ढाई साल शिवसेना का मुख्यमंत्री हो, लेकिन, शिवसेना की इस मांग को बीजेपी ने अब तक कोई तवज्जो नहीं दिया है। 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य विधानसभा की 288 में से 220 सीटें जीतने का है। जहां तक मुख्यमंत्री पद की बात है, मुझे नहीं लगता कि हम किसी भी फॉर्मूले के लिए राजी हुए हैं। ढाई-ढाई साल होगा या चुनाव में जिसे ज्यादा सीटें आती हैं, उसका मुख्यमंत्री होगा, वक्त आने पर हम तय कर लेंगे।"

दरअसल महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं... इनमें बीजेपी 144 और शिवसेना 144 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। अब ऐसे में शिवसेना को डर है कि महाराष्ट्र में बीजेपी का स्ट्राइक रेट हमेशा शानदार रहा है और अगर बीजेपी ज्यादा सीटें जीतती है। तो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर उसका दावा मजबूत हो जाएगा और इसीलिए शिवसेना अभी से दबाव बना रही है। शिवसेना को इस बात का भी मलाल है कि राज्य में बीजेपी हमेशा शिवसेना के छोटे भाई की भूमिका में रही है और उससे कम सीटों पर चुनाव लड़ती रही है। लेकिन, 2015 में बदले हुए चुनावी माहौल में बीजेपी ने कम सीटों पर लड़ने से साफ मना कर दिया। अकेले चुनाव लड़ा और विधानसभा की 288 में से 122 सीटों पर कब्जा किया जबकि,
शिवसेना को केवल 63 सीटें मिलीं। बदले हालात में शिवसेना ने बीजेपी को समर्थन का फैसला किया और बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने

हालांकि, इस बार शिवसेना के तेवर वैसे नहीं हैं, जैसे 2015 चुनाव के दौरान थे। इसे इस बात से भी समझा जा सकता है कि शिवसेना ने पिछले दिनों बयान दिया कि अयोध्या में राम मंदिर कोई बनाएगा। तो वो मोदी-शाह की जोड़ी ही बनाएगा। पश्चिम बंगाल के मुद्दे पर भी शिवसेना बीजेपी के साथ खुलकर खड़ी है और ममता पर हमले बोल रही है। लेकिन, उसकी इस सियासत का महाराष्ट्र में कितना फायदा मिलेगा फिलहाल कहना मुश्किल है। क्योंकि, देश की सियासत को नरेंद्र मोदी और अमित शाह से बेहतर समझने वाला कोई और नेता नहीं है।

Advertisement

Published June 13th, 2019 at 16:50 IST

आपकी आवाज. अब डायरेक्ट.

अपने विचार हमें भेजें, हम उन्हें प्रकाशित करेंगे। यह खंड मॉडरेट किया गया है।

Advertisement

न्यूज़रूम से लेटेस्ट

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Whatsapp logo