Updated January 30th, 2019 at 13:37 IST
शंकराचार्य ने कहा, ''धर्म संसद से आज शाम होगा राम मंदिर के लिए तारीख का ऐलान''
केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें सप्रीम कोर्ट से ये प्रार्थना करनी चाहिए की जल्द से जल्द सुनवाई करनी चाहिए।
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सैकड़ों साल पुराना वो केस जिस पर पूरे देश की निगाहें टिकी हैं। हर कोई टक-टकी लगाए बैठा है कि आखिर मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत का अंतिम फैसला कब आएगा। हर किसी को इस फैसले का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार है क्योंकि हर कोई जानना चाहता है कि फैसले का झुकाव आखिरकार किसकी ओर होगा?
इस बीच विवाद के मद्देनज़र अयोध्या में धर्म संसद चल रही है। इस बीच धर्मगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंनद सरस्वती रिपब्लिक टीवी से बात करते हुए राम मंदिर बनाने के लिए तारीख का ऐलान करने का दावा किया है। उन्होंने कहा है कि शाम 5 बजे वो धर्म संसद में पहुंचेंगे और मंदिर बनाने के लिए तारीख का ऐलान होगा।
सुप्रीम कोर्ट में अटकी सुनवाई को लेकर साधू समाज और मंदिर निर्माण की मांग कर रहे लोगों में काफी नाराजगी देखी जा रही है। बता दें, धर्म संसद में राम मंदिर निर्माण सहित कुल 18 मुद्दों पर चर्चा होगी। शंकराचार्य से खास बातचीत के दौरान जब हमने पूछा कि क्या रास्ता निकाला जाएगा और आपका फैसला क्या होगा। तो उन्होंने कहा कि आज शाम को ऐलान किया जाएगा।
बड़ा बयान देते हुए शंकराचार्य ने कहा कि राम मंदिर बनने का रोड मैप तैयार है। जया,भद्रा,नंदा और पूर्णा- 4 शिलाओं के साथ शिलान्यास तैयारी की गई है। केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें सप्रीम कोर्ट से ये प्रार्थना करनी चाहिए की जल्द से जल्द सुनवाई करनी चाहिए। लेकिन वो वो राम मंदिर के मुद्दे पर पलट रहे हैं।
शंकराचार्य की बड़ी बातें...
- रामजन्मभूमि न्यास ने कार सेवा से विविदित ढांचा तुड़वाया भ्रम फैलाया
- सरकार ने कुछ नहीं किया
- आज शाम 5 बजे मैं तारीख बताऊंगा
- अयोध्या में राम मंदिर की आवश्यकता नहीं। वहां पहले से ही राम मंदिर है, कई मंदिर राम जन्मभूमि में मंदिर चाहिए।
- यहां से कूच करेंगे अयोध्या। मैं सबसे आगे चलूंगा। कोई हंगामा,हिंसा नहीं। शांतिपूर्ण तरीके से बढ़ेंगे। जो कार्रवाई होगी मंज़ूर।
- साधु समाज एक जुट है। कोई मतभेद नहीं।
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अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई टलने के बाद भी राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी का सिलसिला नहीं थमा। कोई सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद सरकार से अध्यादेश लाने की मांग करता रहा, तो कोई सुप्रीम कोर्ट से ही विवाद पर निपटारे की बात करता रहा। RSS, विश्व हिंदू परिषद, शिवसेना, बीजेपी और संत समाज ने लगातार मंदिर निर्माण के लिए अपने अपने सुझाव दिए।
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Published January 30th, 2019 at 13:28 IST
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