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Updated January 9th, 2019 at 15:27 IST

कश्मीरी IAS अफसर शाह फैसल ने दिया इस्तीफा, लड़ेंगे 2019 का चुनाव लोकसभा चुनाव

जम्मू-कश्मीर के आईएएस ऑफिसर शाह फैसल ने अपने पोस्ट से इस्तीफा दे दिया है. खबरें आ रही हैं कि वो नेशनल कॉन्फ्रेंस जॉइन करने वाले हैं और उनकी घाटी की बारामुला चुनावी क्षेत्र पर नजर भी है

Reported by: Amit Bajpayee
| Image:self
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जम्मू - कश्मीर से आईएएस टॉपर रहे शाह फैसल ने इस्तीफा दे दिया है. जानकारी के अनुसार वह नेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के तैयारी में हैं और संभवत वह बारामूला सीट से आगामी चुनाव लड़ सकते हैं. 

महीनों से चल रहे अटकलों के बाद कश्मीरी आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने राजनीति में शामिल होने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. 

जानकारी के अनुसार 2010 बैच के टॉपर ने अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने नेतृत्व वाले नेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी है. माना जा रहा है कि कुपवाड़ा के लोलाब घाटे से आने वाले 35 वर्षीय फैसल आगामी चुनाव बारामुला निर्वाचन क्षेत्र से लड़ सकते हैं.

उन्होंने मंगलवार को स्वेच्छापूर्वक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया था, लेकिन इस प्रक्रिया को DoPT द्वारा अनुमोदित किए जाने में समय लगता है. 

एक बार उनका इस्तीफा स्वीकार हो जाने के बाद,  फैसल नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर से मिलने की उम्मीद है. 

पार्टी के सूत्रों के अनुसार , '' नेशनल कॉन्फ्रेंस में उनके आधिकारिक आगमन से पहले एक नेताओं के बीच एक बैठक होगी.''

फैसल फिलहाल मिड करियर में तहत हार्वर्ड केनेडी स्कूल से फेलोशिप पुरा कर भारत लौंटे हैं. वह 2 जनवरी को घाटी पहुंचे, जिसके बाद उन्होंने अपना इस्तीफा देने का फैसला किया. 

अपनी बेबार राय रखने के लिए चर्चित आईएएस अधिकारी शाह फैसल कई मौको पर सुर्खियों पर आ चुके हैं. वहा UPSC परीक्षा में टॉप करने वाले पहले कश्मीरी है. IAS में शामिल होने के बाद , उन्हें कश्मीर घाटी में स्कूली शिक्षा के निदेशक के तौर पर नियुक्त किया गया , 

हालांकि , सोशल मीडिया पर उनकी मुखरता और देश समेत सरकार की आलोचना कर कार्मिक मंत्रालय के नियम तोड़े हैं. पिछले साल बढ़ती बलात्कार की घटनाओं के संबंध में ट्वीट करने वाले शाह फैसल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की गई है. 

 

जिसमें उन्होंने भारत सरकार का कड़ा विरोध किया था. ऐसा नहीं की ये कोई पहला ट्वीट है. उनके कई ट्वीट ऐसे हैं जो सर्विस नियमों का उल्लंघन करते हैं, इसलिए राज्य सरकार ने भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की है . 

2 जून को किए गए एक ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि कश्मीरियों को जज करने से पहले लोगों को खुद सोचना चाहिए कि पिछले 30 साल में कश्मीरियों पर क्या बीती है. अगर ऐसा ही किसी अन्य समाज के साथ होता तो क्या होता. वहीं 20 मई को किए गए ट्वीट में उन्होंने लिखा कि अगर IAS कैडर को लेकर नई पॉलिसी लागू की घई तो IAS बदलकर ICS हो जाएगा, यानी इंडियन चमचा .

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Published January 9th, 2019 at 15:27 IST

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