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Updated March 29th, 2023 at 13:59 IST

Palghar Lynching Case: शिंदे सरकार CBI जांच के लिए तैयार, रिपब्लिक की मुहिम का असर

साल 2020 में महाराष्‍ट्र के पालघर में हुए 2 साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्‍या के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनावाई हुई।

Reported by: Ankur Shrivastava
Palghar Lynching Case
Palghar Lynching Case | Image:self
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साल 2020 में महाराष्‍ट्र के पालघर में हुए 2 साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्‍या के मामले की जांच सीबीआई से कराने को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनावाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांंच किए जाने से कोई आपत्ति नहीं है। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से इस मामले में एक हलफनामा दायर करने को कहा है। अब 14 अप्रैल को इस मामले में सुनवाई होगी। इधर महाराष्‍ट्र की शिंदे सरकार और सीबीआई ने साफ कर दिया है कि वो जांच के लिए तैयार हैं।

इसके बाद, यह संभावना है कि अप्रैल 2020 में महाराष्ट्र के पालघर जिले के गढ़चिंचल गांव में तीन लोगों की कथित लिंचिंग की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जाएगी। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने सीबीआई से पूछा कि क्या एजेंसी कथित लिंचिंग मामले की जांच के लिए तैयार है, जिस पर जांच एजेंसी ने सकारात्मक जवाब दिया।

पालघर लिंचिंग मामले की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की तीन-न्यायाधीशों की पीठ को एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश एक वकील ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार भी सीबीआई जांच के लिए सहमत हो गई है।

विस्‍तार से जानिए पूरा मामला 

16 अप्रैल 2020 को दो साधुओं और उनके ड्राइवर की 500 से अधिक लोगों की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। साधुओं की हत्‍या बच्‍चा चोरी गिरोहों के सक्रिय होने की वजह से हुई थी। अफवाह थी कि इन गिरोहों के सदस्य इलाके में साधु, डॉक्टर, पुलिस की वेशभूषा पहनकर बच्चा चोरी करते थे। हत्या तब हुई थी जब तीनों लोग कार से सूरत में किसी व्यक्ति के अंतिम संस्कार के लिए जा रहे थे।इस मामले की जांच 21 अप्रैल 2020 को सीआईडी को सौंपी गई।

बाद में हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट से जांच सीबीआई को देने की मांग की गई थी, लेकिन उद्धव सरकार ने मामले की जांच को लेकर विरोध किया था। जिसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो पाई थी। पिछले साल 2022 के अक्टूबर में बीजेपी की शिंदे सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था, जिसमें वह मामले की जांच सीबीआई को देने के लिए तैयार हो गई थी। 
 

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Published March 29th, 2023 at 13:51 IST

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