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Updated October 14th, 2021 at 14:38 IST

पंजाब के किसानों ने फिर जलाना शुरू किया पराली, कहा- वादे के मुताबिक राज्य सरकार ने नहीं दिया 50% सब्सिडी

पंजाब के किसानों ने पराली जलाना (stubble burning) शुरू कर दिया है। किसानों का दावा है कि उनके पास और कोई चारा नहीं बचा है।

Reported by: Munna Kumar
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सरकार ने पराली जलाने से होने वाली समस्या से निपटने के लिए मशीनरी पर सब्सिडी देने का वादा किया था। केंद्र सरकार (Central Government) ने इसके लिए सितंबर में 496 करोड़ करोड़ रुपये जारी भी कर दिए थे, लेकिन पंजाब के किसानों ने पराली जलाना (stubble burning) शुरू कर दिया है। किसानों का दावा है कि उनके पास और कोई चारा नहीं बचा है। किसानों का आरोप है कि उन्हें यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया जा रहा है, क्योंकि उन्हें राज्य सरकार वादे के मुताबिक 50% सब्सिडी का भुगतान नहीं कर रही है।

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए किसान राम सिंह ने कहा कि किसानों के पास पराली जलाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है, क्योंकि राज्य सरकार ने सितंबर में किए गए वादे के मुताबिक 50% सब्सिडी नहीं दी है। उन्होंने कहा कि फसल अवशेष जलाने के लिए किसानों को लगभग 5,000 से 6,000 रुपये खर्च करने पड़ते हैं।

सिंह ने कहा, "सर्दियों की फसल बोने का समय आ गया है, इसलिए हमें इस पराली को जलाना पड़ रहा है।"

इस बीच पराली जलाने से वायु प्रदूषण के खतरे पर सिंह ने कहा, "कई स्थान बहुत प्रदूषित हैं। वाहन, कारखाने और अन्य चीजें भी वायु प्रदूषण बढ़ा रही है। उन चीजों के बारे में कोई नहीं कह रहा है। वायु प्रदूषण के लिए सिर्फ किसानों को दोषी ठहराया जा रहा है?"

उन्होंने कहा, "हमारा परिवार भी वायु प्रदूषण से प्रभावित होता है, लेकिन हमारे पास कोई अन्य विकल्प नहीं है। इतना अधिक पराली जलाना प्रदूषण बढ़ने का एकमात्र कारण नहीं है।"

एक अन्य किसान रविंदर सिंह ने भी पराली जलाने के मुद्दे पर कहा कि अगर पराली जलाने के लिए उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई की जाती है तो किसान पहले की तरह मुआवजा लेने के आंदेलन कर सकता है।

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पराली जलाने के लिए सरकार की पहल
इससे पहले सितंबर के महीने में केंद्र सरकार ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के लिए दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के मुद्दे को हल करने के उद्देश्य से फसल अवशेषों के इन-सीटू प्रबंधन के लिए आवश्यक मशीनरी को सब्सिडी देने के लिए 496 करोड़ रुपये जारी किए थे। वहीं वादे के मुताबिक 50 फीसदी सब्सिडी राज्य सरकारों को देनी थी, लेकिन पंजाब के किसानों का आरोप है कि राज्य सरकार उन्हें कोई मुआवजा या सब्सिडी नहीं दे रही है।

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Published October 14th, 2021 at 14:38 IST

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