Updated February 25th, 2019 at 09:36 IST
शहीदों के सम्मान में बना पहला राष्ट्रीय वॉर मेमोरियल, PM मोदी करेंगे उद्घाटन.. जानें क्या है खास
मेमोरियल को भारत मां के उन वीर सपूतों की याद में बनाया गया है, जिन्होंने आज़ादी से अब तक देश की सेवा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
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पुलवामा हमले के बाद हर तरफ देश के वीर जवानों की बात हो रही है, देश के लिए जान देने वाले शहीदों के सम्मान की बात हो रही है। इस बीच शहीद सैनिकों के सम्मान में देश का पहला नेशनल वॉर मेमोरियल तैयार हो गया है। देश की राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट के पास 40 एकड़ में बने इस मेमोरियल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
मेमोरियल को भारत मां के उन वीर सपूतों की याद में बनाया गया है, जिन्होंने आज़ादी से अब तक देश की सेवा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। दुनिया के बड़े देशों में एक मात्र भारत ही था, जिसके पास अपने वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए कोई स्मारक नहीं था... लेकिन आज पीएम मोदी वो कमी भी पूरी करने वाले हैं।
युद्ध स्मारक में क्या है खास
- 176 करोड़ रुपये की लागत से बना स्मारक
- देश के शहीद जवानों की याद में बनाया गया
- तीनों सेनाओं के शहीदों को एक साथ श्रद्धांजलि
- स्मारक में तीनों सेनाओं के शहीदों के नाम दर्ज
- वीर शहीदों की याद में पहला युद्ध स्मारक
- इससे पहले इंडिया गेट वॉर मेमोरियल बना था
- प्रथम विश्व युद्ध के शहीदों के लिए इंडिया गेट था
- 1971 के शहीदों के लिए अमर ज्योति बनाई गई
- 1960 में वॉर मेमोरियल का प्रस्ताव रखा गया
- सशस्त्र बलों ने वॉर मेमोरियल बनाने का प्रस्ताव दिया
- 2015 में स्मारक के निर्माण को मंजूरी मिली
- 22600 शहीदों की याद में बना है मेमोरियल
- केंद्रित गोलाकार डिजाइन में बनाया गया है स्मारक
- स्मारक लगभग 40 एकड़ में फैला है
- इसके केंद्र में 15 मीटर ऊंचा स्मारक स्तंभ है
चक्रव्यूह की संरचना से प्रेरणा लेते हुए बनाए गए राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ ही पीएम मोदी इसे देश के नाम समर्पित करेंगे। इसमें चार अलग अलग परिसर होंगे और बीच में एक ऊंचा स्मृति स्तंभ होगा। जिसके नीचे अखंड ज्योति जलती रहेगी।
दिल्ली में इंडिया गेट के करीब बना ये वॉर मेमोरियल कई मायनों में बेहद खास है, अब देश के शहीदों को इसी जगह पर श्रद्धांजलि दी जाएगी। वॉर मेमोरियल में देश के 25 हजार से ज्यादा शहीदों के नाम दर्ज किए गए हैं, जिसमें थल सेना, वायु सेना और नौ सेना के शहीद शामिल हैं।
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Published February 25th, 2019 at 09:26 IST
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