Updated November 26th, 2020 at 13:18 IST
Constitution Day : राष्ट्रपति कोविंद ने पढ़ी प्रस्तावना, जानें 26 नवंबर को क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस
26 नवंबर को भारत में संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन सन् 1949 में भारतीय संविधान को पारित किया गया था..
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26 नवंबर को भारत में संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन सन् 1949 में भारतीय संविधान को पारित किया गया था। हालांकि लागू 26 जनवरी 1950 को किया गया था। आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देशवासियों को संविधान दिवस की बधाई देते हुए भारत के संविधान की प्रस्तावना पढ़ी।
गौरतलब है कि हर वर्ष 26 नवंबर को यानी संविधान दिवस को भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संविधान की प्रस्तावना पढ़ते हैं।
संविधान दिवस समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'विपरीत से विपरीत परिस्थितियों में भारत के संविधान ने देश में जातीय, मत, संप्रदाय, भाषा, खान-पान की विभिन्नता होने के बाद भी एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार किया है। यह भारत के संविधान की सबसे बड़ी विशेषता रही है।'
बता दें कि भारतीय संविधान के निर्माता डॉ अम्बेडकर माने जाते हैं। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 2015 में डॉ अम्बेडकर के 125वें जयंती वर्ष के रूप में 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मानने के केंद्र के फैसले को अधिसूचित किया था। उसके बाद से ही इस दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। इसका उद्देश्य है कि संवैधानिक मूल्यों के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को बढ़ाया जा सके।
भारतीय संविधान की खासियत
बता दें कि भारतीय संविधान दुनिया में सबसे लंबा लिखित संविधान है। इसके कई भाग अमेरिका, जर्मनी, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान के संविधान से लिए गए हैं। इसके साथ ही इसमें भारत शासन अधिनियम से भी लिए गए हैं।
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भारतीय संविधान दो साल, 11 माह 18 दिन में बनकर तैयार हुआ था। इसे 26 जनवरी, 1950 को भारत में लागू किया गया था। इस दिन को भारत गणतंत्र दिवस के रूप में मनाता है।
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Published November 26th, 2020 at 13:18 IST
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