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Updated September 20th, 2018 at 09:48 IST

ट्रिपल तलाक: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी अध्यादेश को मंजूरी, पढ़ें पूरा अध्यादेश ..

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन तलाक पर केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए अध्यादेश को अपनी मंजूरी दे दी है.

Reported by: Gaurav Kumar
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन तलाक पर केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए अध्यादेश को अपनी मंजूरी दे दी है. अब से तीन तलाक देने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. बुधवार को मोदी कैबिनेट तीन तलाक पर अध्यादेश लाई थी. बता दें, 6 महीने तक अध्यादेश कानून के तौर पर काम करेगा. तीन तलाक बिल राज्यसभा में पास नहीं हो पा रहा था इस वजह से सरकार को अध्यादेश लाना पड़ा. इस अध्यादेश को 'The Muslim Women (Protection of Rights on Marriage) ordinance 2018' कहा गया है. ये अध्यादेश जम्मू-कश्मीर को छोड़कर भारत के अन्य हिस्सों में लागू होगा. अध्यादेश ने ट्रिपल तलाक को गैरकानूनी कर दिया है.

अगर मुस्लिम पति अपनी पत्नी को बोलकर, लिखकर या व्हाट्सएप​​​​​, एसएमएस और ईमेल जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से तलाक देता है तो वो गैरकानूनी होगा. सेक्सन तीन के अनुसार अगर कोई पति अपनी पत्नी को तीन तलाक देता है तो उसे लगभग तीन साल की सजा हो सकती है. जेल के साथ उसपर जुर्माना भी लगाया जा सकता है. इसके साथ ही इसमें जब पत्नी चाहेगी तब वो समझौता कर सकती है. मजिस्ट्रेट द्वारा उचित शर्तों के साथ.

बता दें, बुधवार को रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि ''महिला खुद या उसका कोई नजदीकी रिश्तेदार पुलिस में शिकायत करेगा तभी पुलिस गिरफ्तार करेगी.​​​​​. या फिर ब्लड या मैरेज से उसके कोई रिश्तेदार शिकायत करेंगे.. इसमें कोई अंजान व्यक्ति इसकी शिकायत नहीं कर सकेगा..'' इसके अलावा जो छोटे बच्चे हैं उसकी कस्टडी मां को मिलेगी.. और बच्चे का मेंटेनेंस का अधिकार मजिस्ट्रेट निर्देश देगा और पति करेगा.

वहीं बुधवार को तीन तलाक के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के नेता और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मीडिया से बात करते हुए इस पूरे मामले पर कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने तीन तलाक पर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की चुप्पी पर भी सवाल उठाए. 

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक तीन तलाक के सबसे अधिक मामले उत्तर प्रदेश से हैं. रविशंकर प्रसाद ने बताया कि 'देश की महिलाएं परेशान हैं और आपकी जानकारी के लिए बता दूं सबसे अधिक केस उत्तर प्रदेश में हो रहा है. तीन तलाक के पर सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट से पहले UP में 126 केस हुए और जजमेंट के बाद 120 केस हुए..'

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Published September 20th, 2018 at 09:48 IST

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