Updated November 5th, 2018 at 16:39 IST
INS अरिहंत का पहला मिशन पूरा, पीएम मोदी ने कहा, ''देश के लिए ये धनतेरस का तोहफा है''
देश की पहली परमाणु पनडुब्बी INS अरिहंत ने सोमवार को अपना पहला गश्ती अभियान पूरा किया. पीएम मोदी ने इसे देश के लिए धनतेरस का तोहफा बताया.
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सोमवार को पहली स्वदेशी परमाणु सबमरीन आईएनएस अरिहंत ने अपना पहला गश्ती अभियान सफलतापूर्वक पूरा कर लिया. आईएनएस अरिहंत की इस उपलब्धि से देश के परमाणु त्रिभुज की स्थापना पूरी हो गई है. इस अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरिहंत के चालक दल के सदस्यों को संबोधित किया. पीएम मोदी ने आईएनएस अरिहंत को देश को समर्पित करते हुए धनतेरस का उपहार बताया साथ ही इस उपलब्धि को ऐतिहासिक करार दिया है.
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि ''आज का दिन ऐतिहासिक है क्योंकि इस दिन परमाणु त्रिभुज की स्थापना को सफल कर दिया है. भारत का परमाणु त्रिभुज दुनिया में शांति और स्थिरता पैदा करने में अहम भूमिका अदा करेगा''. पीएम ने कहा कि आईएनएस अरिहंत की सफलता राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाने की ओर एक बड़ा कदम है. अरिहंत सवा सौ करोड़ देशवासियों के लिए सुरक्षा की पुख्ता गारंटी जैसा है.
पीएम मोदी ने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और चीन का नाम लिए बिना ये कहा कि हमारे पड़ोस में परमाणु हथियारों की बढ़ोतरी के साथ भारत में बेहतर परमाणु क्षमता बहुत जरूरी है. पीएम मोदी ने ये भी कहा कि परमाणु हथियारों के नाम पर ब्लैकमेल करने वालों को करारा जवाब है. जाहिर है, दुश्मन देशों के लिए ये एक तरह से खुली चुनौती है.
पीएम मोदी ने कहा, ''भारत और हर भारतीय का सिर एक बार फिर गर्व से ऊंचा हो गया है. अरिहंत से जुड़े दल को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं''
इस मौके पर पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी को याद करते हुए कहा कि न्यूक्लियर ट्राइऐंगल की स्थापना पर मुझे पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व प्रेजिडेंट एपीजे अब्दुल कलाम आजाद याद आते हैं.
गौरतलब है कि एक जिम्मेदार राष्ट्र के रूप में भारत ने परमाणु कमांड अथॉरिटी के तहत एक मजबूत परमाणु कमांड और नियंत्रण संरचना, प्रभावी सुरक्षा आश्वासन वास्तुकला और सख्त राजनीतिक नियंत्रण स्थापित किया है. बता दें कि ये फैसला 4 जनवरी, 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की अध्यक्षता में एक बैठक में कैबिनेट कमेटी द्वारा लिया गया था.
आईएनएस अरिहंत जल, थल और नभ में वार करने में यानी मिसाइल दागने में सक्षम है. तीन स्तरों पर परमाणु सुरक्षा के चलते इसे न्यूक्लियर ट्रायड भी कहा जाता है. बता दें, कि INS अरिहंत का वजन 6000 टन है. इसमें 750 और 3500 किलोमीटर की रेंज वाली मिसाइलें शामिल हैं. जिसमें 15 मिसाइलें 750 किमी तक मार करने में सक्षम हैं. और 4 बलिस्टिक मिसाइलें 3,500 किमी मिसाइल दाग सकेंगी. देश के पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक स्व. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर मिसाइलों को कोडनेम 'K' रखा गया है.
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Published November 5th, 2018 at 16:12 IST
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