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Updated September 30th, 2020 at 22:53 IST

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण, पीएम मोदी ने दी DRDO को बधाई

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ने सफल संचालन प्रक्षेपण के साथ एक और मील का पत्थर हासिल किया है,

Reported by: Digital Desk
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भारत ने ओडिशा स्थित एक प्रक्षेपण स्थल से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (BrahMos Supersonic Cruise Missile) का सफल प्रायोगिक परीक्षण किया। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय रक्षा अनुसंधान को इस उपलब्धि पर बधाई दी। 

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट ने कहा कि 'ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ने सफल संचालन प्रक्षेपण के साथ एक और मील का पत्थर हासिल किया है, जो उन्नत परिचालन क्षमताओं और अतिरिक्त स्वदेशी प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करता है। ब्रह्मोस मिसाइल और भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन के सभी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई।'

पीएम मोदी से पहले गृह मंत्री ने कहा कि, ''स्वदेशी रूप से विकसित रेंज ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के सफलतापूर्वक परीक्षण के लिए भारत को DRDO पर बेहद गर्व है। यह अत्याधुनिक हथियार भारत की रक्षा क्षमता का प्रमाण है और पीएम नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर के प्रति संकल्प।'' 

डीआरडीओ ने किया ब्रह्मोस का सफल परीक्षण 

बता दें, इस मिसाइल की मारक क्षमता 400 किलोमीटर से ज्यादा है। DRDO के सूत्रों ने बताया कि यहां पास में चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (ITR) से अत्याधुनिक मिसाइल का प्रक्षेपण किया गया जो सफल रहा।

DRDO के एक अधिकारी ने कहा, मिसाइल को समुद्र, जमीन और लड़ाकू विमानों से भी दागा जा सकता है। मिसाइल के पहले विस्तारित संस्करण का सफल परीक्षण 11 मार्च 2017 को किया गया था, जिसकी मारक क्षमता 450 किलोमीटर थी। 30 सितंबर 2019 को चांदीपुर स्थित ITR से कम दूरी की मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल के जमीनी संस्करण का सफल परीक्षण किया गया था।

इसे भी पढ़ें: ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल प्रायोगिक परीक्षण; अमित शाह बोले- भारत को DRDO पर गर्व

DRDO और रूस के प्रमुख एरोस्पेस उपक्रम एनपीओएम द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ब्राह्मोस मिसाइल " मध्यम रेंज की रेमजेट सुपरसोनिक क्रूज" मिसाइल है, जिसे पनडुब्बियों, युद्धपोतों, लड़ाकू विमानों तथा जमीन से दागा जा सकता है। सूत्रों ने बताया है कि यह मिसाइल पहले से ही भारतीय थलसेना, नौसेना और वायुसेना के पास है। इसे दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल माना जाता है।

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Published September 30th, 2020 at 22:53 IST

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