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Updated January 4th, 2019 at 15:57 IST

निर्मला सीतारमन ने कांग्रेस पर बोला हमला- UPA सरकार 8 साल में 18 जहाज नहीं ला पाई, हम पहला राफेल सितंबर 2019 में ले आएंगे

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि चाहे सत्ता में कोई भी हो , देशहित सबसे महत्वपूर्ण होना चाहिए.

Reported by: Amit Bajpayee
| Image:self
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लोकसभा में शुक्रवार को भी राफेल डील पर चर्चा हुई. चर्चा पर जवाब देते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि चाहे सत्ता में कोई भी हो , देशहित सबसे महत्वपूर्ण होना चाहिए. उन्होंने राफेल मुद्दे पर उठाए गए सवालों पर जवाब देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा यूपीए सरकार ने जब यह डील की थी , तब 18 विमान तैयार हालात में मिलने थे. बाकी 108 विमान 11 साल की अवधि में बनाए जाने थे . 2006 के बाद 2014 तक आप 18 जहाज भी हासिल नहीं कर सके . ऐसा क्यों? हमारी डील में पहला एयरक्राफ्ट 2016 में हुई डील के 3 सालों के भीतर आना था और इसके बाद आखिरी विमान 2022 तक आखिरी विमान भी हमें मिल जाना था . इस साल सितंबर में आपको पहला विमान मिल जाएगा यानी कॉन्ट्रैक्ट साइन होने के 3 साल के भीतर ही यह मिलेगा . आपने अगस्ता-वेस्टलैंड का ऑर्डर एचएएल को क्यों नहीं दिया? इसलिए क्योंकि एचएएल आपको कुछ और दे नहीं सकती थी?


निर्मला ने कहा कि यूपीए के 10 सालों के शासनकाल में कुछ नहीं हुआ है. हमारी वायुसेना को जहाज चाहिए थे. 2006 के बाद से राफेल डील पर लगातर गतिरोध जारी थी. उस समय सिर्फ 18 विमानों की बात की लेकिन 2014 तक भी विमान उपलब्ध नहीं हो पाए थे. हमारी सेना को जरूरतों के देखते हुए हमारी सरकार ने इन विमानों को तुरंत खरीदने का फैसला किया और डील के मुताबिक पहला एयरक्राफ्ट इस साल 2019 तक देश उपलब्ध हो जाएगा. 2022 तक सभी 36 राफेल विमान भारत को उपलब्ध हो जाएंगे. 


निर्मला सीतारमण ने आगे कहा - आपके 18 फ्लाईअे जहाजों को हमने 36 तक पहुचाया और बाकी जहाजों की खरीद के लिए भी हमने आरएफपी भेज दी है. जब भी कभी आपतकालीन खरीद की जाती है , तब यह केवल 2 स्क्वॉड्रन की होती है. 1982 में जब पाक ने एप-16 खरीदा था , तब भारत सरकार ने फैसला किया था कि मिग-23 एमएफ की दो स्क्वॉड्रन लायक विमान खरीदे जाएंगे. 1985 में भी दो स्क्वॉड्रन बनाने लायक मिराज फ्रांस से खरीदे गए थे. 1987 में दो स्वक्वॉड्रन लायक मिग - विमान सोवियत यूनियन से खरीदे गए थे. भारतीय वायुसेना आमतौर पर सरकार को यही सुझाव देती है कि दो स्क्वॉड्रन खरीदे जाए. 

रक्षा मंत्रालय निर्मला ने कहा कि ''राहुल गांधी सदन के वरिष्ठ सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ बेंगलुरु में एचएएल गए थे . उसके सामने कहा था- राफेल आपका अधिकार है और आपको इसे बनाना चाहिए था . मैं कहना चाहती हूं कि मल्लिकार्जुन खड़गे जी उस स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य भी थे, जिसने डिफेंस से जुड़े कई मामलों को देखा था . स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट में कहा था- कमेटी इस बात से निराश है कि 3 दशकों बाद भी एचएएल वायुसेना की जरूरत के मुताबिक लड़ाकू विमान बनाने में सक्षम नहीं हो पाई . आपने 2005 से 2014 के बीच एचएएल के लिए कुछ नहीं किया . 


हमने 1 लाख करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट एचएएल को दिए, आपने तो सिर्फ घड़ियाली आंसू बहाए . जब राफेल कॉन्ट्रैक्ट हो रहा था, तब कहा गया कि एचएएल को यही जहाज बनाने में 2.7 गुना ज्यादा वक्त चाहिए . दैसो ने इस बात की गारंटी भी नहीं दी कि 108 विमानों को एचएएल प्रोड्यूस करे . इसके साथ ही रक्षा मंत्री ने फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ राहुल गांधी की बातचीत की आधिकारिक कॉपी भी संसद में समझ रखने की मांग कर डाली. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने देश ऐर सदन को गुमराह किया है.
 

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Published January 4th, 2019 at 15:57 IST

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